मोटर व्हीकल संशोधन बिल को राज्यसभा ने दी मंजूरी, पक्ष में 108 और विपक्ष में पड़े 13 वोट, सख्त होंगे ट्रैफिक नियम

राज्यसभा ने देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से बुधवार को सड़क सुरक्षा के लिए कठोर प्रावधानों वाले मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019’ को मंजूरी दे दी. राज्यसभा ने विधेयक को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया. विधेयक पर लाये गये विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया. यह विधेयक गत सप्ताह लोकसभा में पारित हुआ था.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: PTI)

नई दिल्ली. राज्यसभा (Rajya Sabha) ने देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से बुधवार को सड़क सुरक्षा के लिए कठोर प्रावधानों वाले मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019’ को मंजूरी दे दी.राज्यसभा (Rajya Sabha) ने विधेयक को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया. विधेयक पर लाये गये विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया. यह विधेयक गत सप्ताह लोकसभा (Lok Sabha) में पारित हुआ था. किंतु विधेयक में ‘मुद्रण की कुछ मामूली त्रुटि’ रह जाने के कारण सरकार को उसे ठीक करने के लिए तीन संशोधन लाने पड़े. इन संशोधनों के कारण अब यह विधेयक फिर से लोकसभा में जाएगा.

उच्च सदन में विधेयक पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मोटर यान संशोधन विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है. इसके प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर है और केंद्र की कोशिश राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की है.

विधेयक में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के मकसद से काफी कठोर प्रावधान रखे गये हैं. किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, बिना लाइसेंस, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना और निर्धारित मानकों से अधिक लोगों को बैठाकर अथवा अधिक माल लादकर गाड़ी चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसमें एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर भी जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है.

गडकरी ने कहा कि विधेयक के प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं. इन सिफारिशों की संसद की स्थायी समिति ने भी विस्तार से जांच परख की और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इन्हें विधेयक में शामिल किया गया है.

तेज गाड़ी चलाने, बिना बीमा पॉलिसी के वाहन चलाने और बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर जुर्माना एवं निर्धारित अवधि के लिये लाइसेंस निलंबित किया जाने के प्रावधान विधेयक में शामिल हैं.

किशोर द्वारा गाड़ी चलाते हुये सड़क पर कोई अपराध करने की स्थिति में गाड़ी के मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जायेगा और वाहन का पंजीकरण भी निरस्त किया जायेगा.

इस विधेयक में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा. इस विधेयक में यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है.

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा, ‘‘ राज्यों के अधिकार में कोई दखल नहीं दिया जाएगा। जो राज्य इसके प्रावधानों को लागू करना चाहते हैं वो करें, जो नहीं चाहते हैं वो नहीं करें। हमारा रूख सहयोग करने का रहेगा. ’’

गडकरी ने कहा कि वाहनों की खरीद की स्थिति में उसके पंजीकरण का काम डीलर को देने से राज्यों को राजस्व का कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि कर का पैसा सीधा राज्य सरकारों के खाते में ऑनलाइन पद्धति से जमा किया जाएगा। इस संबंध में कर की दर का निर्धारण भी राज्य अपने हिसाब से कर सकते हैं.

गडकरी ने कहा कि देश में सड़कों पर 14 हजार से अधिक ‘ब्लैक स्पॉट’ का पता चला है और इसके लिये 14 हजार करोड़ रूपये की परियोजना बनायी गयी है. इसे विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक की मदद से लागू किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि सड़कों सहित समूची परिवहन व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिये नयी सड़क परिवहन नीति का प्रस्ताव है. इसके तहत परिवहन व्यवस्था को अत्याधुनिक तकनीक से लैस कर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के अनुरूप बनाया जायेगा. गडकरी ने कहा कि इसके तहत देश में पहली बार स्काई बस चलाने की योजना है। पर्यावरण हितैषी और सस्ती बस सेवा की शुरुआत दिल्ली के धौला कुंआ से हरियाणा के मानेसर तक चलाये जाने से होगी.

उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में सड़क हादसों के लिये सड़क निर्माण की खामियां जिम्मेदार हैं. इसके लिये उन्होंने सड़क बनाने वाली कंपनी और इंजीनियरों की जवाबदेही तय की जायेगी. गडकरी ने स्वीकार किया कि बतौर मंत्री पिछले पांच सालों में उनकी एकमात्र नाकामी सड़क हादसों में कमी नहीं ला पाना है.

उन्होंने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद वह सड़क हादसों में उम्मीद के मुताबिक कमी नहीं ला पाए. इस संबंध में तमिलनाडु ने बहुत अच्छा काम किया है और इसका हम पूरे देश में अनुकरण करेंगे.

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