पटना: बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल नहीं होने के फैसले ने एक नया सियासी विवाद खड़ा कर दिया. मीडिया में चल रही अटकलों पर विराम लगाने के लिए शुक्रवार को नीतीश कुमार ने खुद सामने आकर मोदी सरकार में शामिल नहीं होने का कारण बताया. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल न होने से वे नाराज नहीं है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वह केंद्र सरकार में सांकेतिक भागीदारी नहीं चाहते है. उन्होंने कहा कि ”हमें जब बताया गया था कि हमारी पार्टी से किसी एक सांसद को मंत्री बनाया जाएगा तो मैंने कहा कि हमें यह नही चाहिए, फिर भी मैं एक बार पार्टी से बात करके बताऊंगा. मैंने पार्टी के नेताओं से बात की और उन्होंने भी कहा कि यह सही नही होगा कि हम सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से सरकार में शामिल हों. जिसके बाद हमने मंत्री पद के लिए मना कर दिया. हम सरकार के साथ है और इससे दुखी नही है.”
Bihar CM&JD(U) leader N Kumar: When I was told one ministerial berth will be given to JD(U), I said we don't need it but I'll ask my party. I asked everyone, they said it's not appropriate that we show only symbolic participation when we're together. We're together, not upset. pic.twitter.com/xTLnYyiDM5
— ANI (@ANI) May 31, 2019
लोकसभा 2019 के चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि लोजपा ने छह सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. इसमें बीजेपी ने सभी 17 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि नीतीश की जेडीयू ने 17 में से 16 सीटों पर जीत दर्ज की है. साथ ही लोजपा ने भी सभी छह सीटों पर जीत का परचम लहराया.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में बीजेपी और शिवसेना के बाद जेडीयू के सबसे ज्यादा सांसद हैं. लेकिन दोनों ही दलों को केवल एक-एक मंत्री पद दिया गया था. भारी जनादेश के साथ सत्ता में आए एनडीए के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को को लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. पीएम मोदी के बाद मंत्रिमंडल के 57 सदस्यों ने भी पद व गोपनीयता की शपथ ली.