एग्जिट पोल के नतीजों के बाद विपक्षी एकता को झटका? मायावती की सोनिया-राहुल से मुलाकात नहीं

बीजेपी के प्रचंड बहुमत के सामने एक बार फिर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष पस्त दिख रहा है. मायावती की पार्टी बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, 'मायावती जी का आज दिल्ली में कोई प्रोग्राम या बैठक नहीं है. वह लखनऊ में रहेंगीं.

मायावती, सोनिया गांधी और राहुल गांधी (Photo Credits: PTI/File)

लोकसभा चुनाव 2019 के मतदान समाप्त होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आए. सभी एग्जिट पोल में बीजेपी एक बार फिर सत्ता में आती दिख रही. बीजेपी के प्रचंड बहुमत के सामने एक बार फिर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष पस्त दिख रहा है. इस स्थिति में गैर बीजेपी मोर्चे की सरकार बनाने के लिए विपक्ष की कवायद रविवार को भी जारी रही. एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं. विपक्ष को अभी भी उम्मीद है कि एनडीए को वह रोकने में सफल रहेगा.

पहले बताया जा रहा था कि मायावती सोमवार को राहुल (Rahul Gandhi) और सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगी. लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस (Congress) पर मायावती के तीखे हमलों के बाद इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा था. लेकिन मायावती की पार्टी बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, 'मायावती जी का आज दिल्ली में कोई प्रोग्राम या बैठक नहीं है. वह लखनऊ में रहेंगीं.' बता दें, मायावती ने प्रचार के दौरान बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर लगातार हमला करती रही हैं. मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ा है.

इससे पहले माना जा रहा था कि विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिशों को आगे बढ़ाने के लिए बीएसपी प्रमुख मायावती सोमवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकती है. गैर बीजेपी मोर्चे की कवायद की बात करें तो जहां एक तरफ टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू लगातार विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं.

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दरअसल, कई दलों का मानना है कि विपक्ष को चुनाव नतीजों के लिए रणनीतिक तौर पर तैयार रहना चाहिए. अगर बीजेपी को बहुमत नहीं मिलता है तो विपक्ष को सरकार बनाने के लिए मजबूत दावा पेश करने की तैयारी पहले ही कर लेनी चाहिए. इस सिलसिले में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में मतगणना के दिन 23 मई को बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भावी रणनीति को अंतिम रूप दिया जा सकता है. वहीं, कांग्रेस के अंदर भी बैठकों का दौर जारी है.

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