Uttar Pradesh: बीएसपी चीफ मायावती ने अपनी प्रतिमा लगाने पर दी सफाई, कहा- मीडिया का नजरिया जातिवादी

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उप्र की राजधानी लखनऊ के 'प्रेरणा केंद्र' में उनकी प्रतिमा लगाए जाने पर सफाई दी है और इससे संबंधित खबरें मीडिया में दिखाए जाने के तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा है, "इसे गलत तरीके से दर्शाया जा रहा है. मीडिया को अपनी जातिवादी मानसिकता बदलनी चाहिए.

मायावती (Photo Credits: PTI)

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने उप्र की राजधानी लखनऊ के 'प्रेरणा केंद्र' में उनकी प्रतिमा लगाए जाने पर सफाई दी है और इससे संबंधित खबरें मीडिया में दिखाए जाने के तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा है, "इसे गलत तरीके से दर्शाया जा रहा है. मीडिया को अपनी जातिवादी मानसिकता बदलनी चाहिए.

"मायावती ने गुरुवार को ट्विटर पर लिखा, "जैसा कि सर्वविदित है कि अपने देश में सरकारी, गैर-सरकारी व सार्वजनिक स्थानों-स्थलों पर जो मूर्तियां आदि लगी होती हैं, उनकी साफ-सफाई, मरम्मत व रखरखाव पर पूरा ध्यान नहीं दिया जाता है, जिनकी स्थिति फिर धीरे-धीरे काफी खराब हो जाती है, जिसे जनता कतई पसंद नहीं करती है." यह भी पढ़े: अलीगढ़ विधायक के साथ मारपीट मामले की न्यायोचित हो जांच: BSP सुप्रीमों मायावती

उन्होंने आगे लिखा, "बीएसपी इस मामले में अपनी सरकार में सरकारी स्थानों-स्थलों पर ही नहीं, बल्कि अपने प्राइवेट घरों-स्थानों पर भी लगी मूर्तियों व फव्वारों आदि की साफ-सफाई, मरम्मत व रखरखाव आदि पर भी हमेशा विशेष ध्यान देती है, जो कि जग-जाहिर है. इसी क्रम में प्राइवेट व गैर-सरकारी लखनऊ प्रेरणा केंद्र में जो यह सब कार्य चल रहा है, जिसे कुछ मीडिया गलत तरीके से दर्शा रहे हैं, उन्हें अपनी जातिवादी मानसिकता में जरूर कुछ बदलाव लाना चाहिए. यही बेहतर होगा." यह भी पढ़े: Rajasthan Political Crisis: मायावती ने सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के सुलह पर उठाए सवाल, कहा- पता नहीं यह कब फिर से शुरू हो जाए

मीडिया रिपोर्ट और वायरल वीडियो के मुताबिक, लालबहादुर शास्त्री मार्ग पर बसपा सरकार के समय बने प्रेरणा स्थल में मायावती की प्रतिमाएं लगाने का काम चल रहा है. र्पिोट के अनुसार, मायावती की तीन प्रतिमाएं प्रेरणा स्थल पर लगाई जा रही हैं. सफेद संगमरमर से बनी तीन मूर्तियों को यहां स्थापित किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इसका काम कई साल से चल रहा था, लेकिन जब पहले से बनीं मूर्तियों को लगाने के लिए प्रेरणा स्थल पर लाया गया तो लोगों को इस बात की जानकारी हुई.

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