PM Modi Education Row: प्रधानमंत्री की शिक्षा पर तीखे सवाल, जेल में बंद मनीष सिसोदिया ने पीएम मोदी को लिखा खत, पढ़ें पूरा लेटर

मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनकी शिक्षा पर सवाल उठाए है. चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, प्रधानमंत्री का कम पढ़ा लिखा होना देश के लिए खतरनाक है. सिसोदिया ने पीएम पर तंज कसते हुए कहा, देश की तरक्की के लिए प्रधानमंत्री का पढ़ा लिखा होना जरूरी है.

(Photo Credit : Twitter)

PM Modi Degree Row: जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनकी शिक्षा पर सवाल उठाए है. चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, प्रधानमंत्री का कम पढ़ा लिखा होना देश के लिए खतरनाक है. सिसोदिया ने पीएम पर तंज कसते हुए कहा, देश की तरक्की के लिए प्रधानमंत्री का पढ़ा लिखा होना जरूरी है.
मनीष सिसोदिया का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र (Manish Sisodia's Letter to PM Narendra Modi) 
"आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं. दुनिया भर में विज्ञान टेक्नोलॉजी में हर रोज नई तरक्की हो रही है. आज कल हर कोई AI की बात कर रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री जी को यह कहते हुए सुनता हूं कि गंदी नाली में पाइप डालकर उसके गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है तो मेरा दिल बैठ जाता है. क्या नाली की गैस से खाना बनाया जा सकता है? नहीं!" ये भी पढ़ें- New Gas Pricing Formula: घरेलू गैस के घटेंगे दाम, मोदी सरकार के इस फैसले से आम जनता को मंहगाई से मिलेगी राहत
"पीएम कहते हैं कि बादलों के पीछे के जहाज को रडार नहीं पकड़ सकता, तो वे पूरी दुनिया के लोगों के सामने हास्य के पात्र बनते हैं. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे उनका मजाक बनाते हैं. इस तरह के बयान देश के लिए बेहद खतरनाक हैं. इसके कई नुकसान है. जैसे पूरी दुनिया को यह पता चल जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री कितने कम पढ़े लिखे हैं और उन्हें विज्ञान की बुनियादी जानकारी तक नहीं है. दूसरे देशों की अध्यक्ष जब प्रधानमंत्री जी से गले मिलते हैं वे भारी से भारी कीमत लेकर चले जाते हैं और न जाने कितने कागजों पर साइन करवा लेते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री जी समझ ही नहीं पाते क्योंकि वह कम पढ़े लिखे हैं."

मनीष सिसोदिया ने आगे लिखा-

"क्या एक कम पढ़ा लिखा प्रधानमंत्री आज की युवाओं के सपनों को पूरा करने की क्षमता रखता है. हाल के वर्षों में देश भर में 60000 सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए, क्यों? एक तरफ देश की आबादी बढ़ रही है, तो सरकारी स्कूलों की बी संख्या तो बढ़नी चाहिए थी. अगर सरकारी स्कूलों का स्तर अच्छा कर दिया जाए तो लोग अपने बच्चों को प्राइवेट से निकालकर सरकारी स्कूलों में भेजना शुरु कर देते, जैसा कि अब दिल्ली में होने लगा है, लेकिन देश भर में सरकारी स्कूलों का बंद होना खतरे की घंटी है. इससे पता चलता है कि शिक्षा सरकार की प्राथमिकता है ही नहीं. अगर हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं देंगे तो क्या भारत तरक्की कर सकता है? कभी नहीं. मैंने प्रधानमंत्री मोदी जी का एक वीडियो देखा, जिसमें वह बड़े गर्व के साथ कह रहे हैं कि वह पढ़े-लिखे नहीं है, केवल गांव के स्कूल तक ही उनकी शिक्षा हुई है. क्या अनपढ़ या कम पढ़ा लिखा होना गर्व की बात है?"

"जिस देश के प्रधानमंत्री को कम पढ़े लिखे होने पर गर्व हो उस देश में एक आम आदमी के बच्चे के लिए अच्छी शिक्षा का कभी इंतजाम नहीं किया जाएगा. हाल के वर्षों में 60000 सरकारी स्कूलों को बंद किया जाना इस बात का जीता जागता प्रमाण है. ऐसे में मेरा भारत कैसे तरक्की करेगा. आप अपनी छोटी सी कंपनी के मैनेजर के लिए भी एक पढ़े लिखे व्यक्ति को ही ढूंढते हैं. क्या देश के सबसे बड़े मैनेजर को पढ़ा लिखा नहीं होना चाहिए?

Share Now

\