मालेगांव धमाकों (Malegaon Blast case) की आरोपी और भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Thakur) शुक्रवार दोपहर मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट में पेश हुईं. सुनावाई के दौरान साध्वी ने एनआईए के जज ने प्रज्ञा ठाकुर से कई सवाल किए और उन्होंने अधिकतर सवालों के जवाब 'मुझे नहीं पता' कहकर दिए. प्रज्ञा को गुरुवार को ही कोर्ट में पेश होना था, लेकिन बीमारी की वजह से वे मुंबई नहीं पहुंच सकी थीं. विशेष एनआईए कोर्ट ने पिछले महीने प्रज्ञा सहित सभी आरोपियों को सप्ताह में कम से कम एक बार अदालत के सामने हाजिर होने का निर्देश दिया था.
सुनवाई के दौरान विशेष एनआईए जज ने प्रज्ञा ठाकुर से पूछा कि अब तक जितने भी गवाहों से पूछताछ हुई है, उनसे यह निकलकर सामने आया है कि 29 सितंबर 2008 को विस्फोट हुआ था. इस बारे में आपको क्या कहना है? इसके जवाब में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मैं कुछ नहीं जानती. कोर्ट में जज ने प्रज्ञा से पूछा आपको पता है या आपके वकील ने आपको सूचना दी है कि अब तक कुल कितने गवाहों से पूछताछ हो चुकी है? इस पर उन्होंने फिर कहा, 'मुझे कुछ नहीं पता.'
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Malegaon blast case: Special NIA Judge asked Pragya Thakur 'All the witnesses who have been examined till now, it has transpired that there was a blast on 29th September 2008 in which several people died. What do you have to say?' To which she replied- 'I don't know.' https://t.co/gQINeqZ1Wl
— ANI (@ANI) June 7, 2019
बता दें कि सांसद बनने के बाद प्रज्ञा ठाकुर शुक्रवार को पहली बार संसद में पेश हुईं. इससे पहले भी उन्हें मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में हाजिर होने का आदेश मिला था, लेकिन उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कार्यवाही में मौजूद होने में खुद को असमर्थ बताया था. साध्वी प्रज्ञा ने अपनी बीमारी और संसद में औपचारिकताएं पूरी करने का हवाला देकर पेशी से छूट दिए जाने के लिए कहा था लेकिन जज ने इससे इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि इस मामले में उनकी उपस्थिति आवश्यक है.
क्या है मालेगांव धमाका मामला
मालेगांव धमाका 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव की मस्जिद के सामने खड़ी एक मोटरसाईकिल में मौजूद विस्फोटकों के कारण बड़ा बम धमाका हुआ था. इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी, और लगभग 100 लोग घायल हुए थे. पुलिस के मुताबिक जिस गाड़ी में विस्फोटक रखे हुए थे, वो प्रज्ञा ठाकुर के नाम से रजिस्टरर्ड है.
यहीं से इस धमाके में साध्वी का नाम आया. हालांकि 2017 में मुंबई हाई कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली थी. अभी इस मामले की जांच मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट के हाथ में है. मामले में प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात लोग आरोपों का सामना कर रहे हैं