महाराष्ट्र में कांग्रेस ने बढ़ाया बीजेपी का टेंशन, कहा- शिवसेना को दे सकते है समर्थन
कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने आईएएनएस से कहा, "हम शिवसेना को समर्थन देने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर पहले फैसला उद्धव ठाकरे को करना है..कि वह बीजेपी से अपना संबंध तोड़ना चाहते हैं या नहीं." कांग्रेस हाल में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 44 सीटों पर जीत के साथ चौथे नंबर पर रही है.
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह सरकार बनाने के लिए उद्धव ठाकरे की पार्टी को समर्थन दे सकती है. कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने आईएएनएस से कहा, "हम शिवसेना को समर्थन देने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर पहले फैसला उद्धव ठाकरे को करना है..कि वह बीजेपी से अपना संबंध तोड़ना चाहते हैं या नहीं." कांग्रेस हाल में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 44 सीटों पर जीत के साथ चौथे नंबर पर रही है. वह खुद आगे बढ़ने की स्थिति में नहीं है, ऐसे में उसकी निगाहें इस पर हैं कि शिवसेना से उसे कोई संकेत मिले.
महाराष्ट्र के ताजा घटनाक्रम में शिवसेना ने सरकार गठन के मुद्दे पर विचार के लिए भाजपा के साथ होने वाली बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया. उसने साफ किया है कि दोनों दलों का ढाई-ढाई साल का मुख्यमंत्री हो, इसके लिए उसे लिखित में आश्वासन चाहिए. जबकि, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री पूरे कार्यकाल के लिए बीजेपी का होगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी कहा कि अभी तक शिवसेना की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. साथ ही उन्होंने बीजेपी और सेना से कहा कि वह लोगों को बताए कि उनके बीच क्या डील हुई थी.
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने आईएएनएस से कहा, "अभी तक शिवसेना की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया है. अगर वे हमसे संपर्क करेंगे तो फिर हम दिल्ली में पार्टी आलाकमान से बात कर फैसला करेंगे." हालांकि, कांग्रेस आलाकमान दोनों दलों के बीच जारी विवाद को लेकर सतर्कता बरत रहा है. दिल्ली में पार्टी नेताओं का मानना है कि शिवसेना, बीजेपी का साथ छोड़ने जैसा बड़ा कदम नहीं उठाएगी.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि शिवसेना के साथ 'बैक चैनल' चर्चा की गई, लेकिन यह बेनतीजा रही. कांग्रेस की रणनीति इस बात पर भी निर्भर कर रही है कि उसका गठबंधन सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और इसके नेता शरद पवार का क्या रुख रहता है.
हालांकि, पवार यह साफ कर चुके हैं कि सरकार गठन के लिए शिवसेना को राकांपा के समर्थन का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता है। उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें विपक्ष में बैठने को कहा है और वह इस जनादेश का सम्मान करेंगे. लेकिन, दलवई ने कहा, "राजनीति संभावनाओं का खेल है."