महाराष्ट्र: शिवसेना-एनसीपी में नहीं बनी बात, संजय राउत से मिलने के बाद शरद पवार बोले 'हम विपक्ष की भूमिका निभाएंगे'

महाराष्ट्र में अगली सरकार बनाने को लेकर कई दिनों से बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रहा विवाद आखिरकार अपने मुकाम पर पहुंच गया. सूबे की सत्ता बीजेपी से छीन गई है. शिवसेना ने एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के साथ मिलकर सरकार बनाने का ऐलान किया है.

शरद पवार और उद्धव ठाकरे (Photo Credits: PTI)

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में अगली सरकार बनाने को लेकर कई दिनों से बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच चल रहा विवाद बढता जा रहा है. सत्ताधारी बीजेपी और शिवसेना के पास आपस में समझौता करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है. दरअसल एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) ने शिवसेना को समर्थन देने में कोई रुचि नहीं दिखाई है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बुधवार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत (Sanjay Raut) एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार (Sharad Pawar) से मिले. शरद पवार से मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा कि यह शिष्टाचार भेंट थी. वहीं इसके बाद एक प्रेस कांफ्रेंस कर शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति बेहद ख़राब है. बीजेपी और शिवसेना को जल्दी सरकार बनाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि एनसीपी महाराष्ट्र में विपक्ष की भूमिका निभाएगी.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के नतीजें आने के बाद से ही बीजेपी और उसके सहयोगी दल शिवसेना में सत्ता में साझेदारी को लेकर पेंच फंसा हुआ है. शिवसेना 50-50 फॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री पद मांग रही है. जबकि बीजेपी मुख्यमंत्री के पद पर कोई समझौता नहीं करना चाहती लेकिन अन्य पदों पर समझौता के लिए तैयार है.

इससे पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देने से साफ़ इनकार किया था. सोनिया का बयान आने के बाद इस अटकल पर विराम लग गया था कि कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन शिवसेना को समर्थन दे सकता है. ऐसे में शिवसेना बिना बीजेपी के महाराष्ट्र की सत्ता में नहीं आ सकती है.

उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध पर कई बार दोनों दलों के दिग्गज नेताओं के बीच विचार विमर्श के बाद भी समाधान नहीं निकल सका. 24 अक्टूबर को आए नतीजों में राज्य विधानसभा की 288 सीटों में से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली थी. जिसमें से बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर विजय हासिल की. सूबे में सरकार बनाने के लिए 146 विधायकों का समर्थन आवश्यक है.

बीजेपी की ओर से अब तक कुछ नहीं कहा गया है. याद दिला दें कि साल 2014 में बीजेपी ने 122 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सरकार बनाई थी. बाद में विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक पहले शिवसेना सरकार में शामिल हुई थी. जबकि एनसीपी ने राज्य को दोबारा चुनाव के झंझट से बचाने के लिए बीजेपी सरकार को बाहर से समर्थन दिया था.

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