
महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने शुक्रवार को कहा कि 2050 तक देश के प्रधानमंत्री (Prime Minister) के पद पर महाराष्ट्र से एक से अधिक व्यक्ति आसीन हो सकते हैं. मुख्यमंत्री 16वें जगतिक मराठी सम्मेलन के उद्धाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या 2050 तक महाराष्ट्र का कोई भी व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बन सकता है क्योंकि महाराष्ट्र का कोई भी नेता अब तक देश का प्रधानमंत्री नहीं बना है, इस पर उन्होंने कहा कि क्यों नहीं,यकीनन हम देखेंगे....अगर भारत पर, संपूर्ण भारत पर, सही मायनों में किसी ने वास्तव में राज किया है तो वे महाराष्ट्रियन (Maharashtrian) ही हैं और हममें अटक तक पहुंचने की क्षमता है. अटक पर 18वीं सदी में मराठा सेना में विजय प्राप्त की थी. यह स्थान अब पाकिस्तान में है.
Maharashtra CM Devendra Fadnavis when asked if India will see Maharashtrian PM by 2050: Why not?Of course,we'll see.If anyone has really ruled India,in real sense,it is Maharashtrians&we've the capability to reach Attock.More than one Maharashtrian would occupy PM's post by 2050. pic.twitter.com/OENa3PzjZy
— ANI (@ANI) January 5, 2019
Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis on Maratha reservation: If reservation is given to every community, even then government jobs can’t be given to 90% of the young generation. Government can give only 25,000 jobs per year. Reservation is not a solution. (04.01.2019) pic.twitter.com/kH0OjPLkXg
— ANI (@ANI) January 5, 2019
फडणवीस ने कहा कि इसलिए मेरा पूरी तरह से मानना है कि 2050 तक हम देश के उच्च पद पर एक नहीं एक से ज्यादा महाराष्ट्रियनों को देखेंगे. मराठा आरक्षण पर फडणवीस ने कहा कि अगर हर समुदाय को आरक्षण दिया जाता है तब भी 90 फीसदी युवा आबादी को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है. सरकार हर साल केवल 25,000 नौकरियां दे सकती है. आरक्षण कोई समाधान नहीं है. यह भी पढे़ं- पाटलिपुत्र सीट को लेकर RJD में घमासान, तेज प्रताप बोले- वह मेरा भाई है क्या? क्या औकात है उसकी?
बता दें कि महाराष्ट्र की विधानसभा ने पिछले साल नवंबर महीने में सर्वसम्मति से राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय को 'छत्रपति शिवाजी महाराज की जय' के नारे के बीच शिक्षा और नौकरियों में 16 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक पारित किया था.
भाषा इनपुट