Ajit Pawar on Baramati Seat: महाराष्ट्र में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पार्टियों के नेता अभी से ही लोगों के बीच जाना शुरू कर दिए हैं. क्योंकि प्रदेश में चुनाव होने में अब करीब तीन ही महीने बचे हैं. राज्य में होने वाले चुनाव से पहले एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने बारामती से चुनाव नहीं लड़ने को लेकर बड़ा संकेत दिए हैं. ऐसे में इस सीट से वे चुनाव नहीं लड़ते हैं तो अपने बेटे जय पवार को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं.
पुणे में मीडिया ने जब उनसे बारामती से इस बार चुनाव लड़ेंगे या नहीं सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि "यह लोकतंत्र है. मुझे इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं है क्योंकि मैं 7-8 चुनावों का हिस्सा रहा हूं. अगर लोग और पार्टी कार्यकर्ता इस तरह से सोचते हैं तो संसदीय बोर्ड को इस बारे में सोचना चाहिए. अगर संसदीय बोर्ड और वहां के स्थानीय पार्टी कार्यकर्ता ऐसा चाहते हैं तो हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं. यह भी पढ़े: Ajit Pawar To Become Maharashtra CM? महाराष्ट्र में क्या फिर होगा सियासी उलटफेर, अजित पवार ने कही मन की बात
अजित पवार बारामती से चुनाव नहीं लड़ने के दिए संकेत:
Pune | On his son Jay Pawar's candidature from the Baramati constituency, Maharashtra DCM Ajit Pawar says, "It's democracy. I am not much interested in it because I have been part of 7-8 elections...If people and party workers think in such a way then the parliamentary board… pic.twitter.com/XaVF0xxruB
— ANI (@ANI) August 15, 2024
अजित पवार इस सीट से 1991 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं
अजित पवार इस सीट से 1991 से लगातार विधायक हैं. चर्चा है कि यहां से अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार को शरद पवार गुट टिकट दे सकता है. युगेंद्र पवार, अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं. इस सीट से शरद पवार भी विधायक रह चुके हैं.यानी लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर बारामत में पवार बनाव पवार की लड़ाई होगी. सिर्फ अंतर इतना होगा कि चुनाव लोकसभा का नहीं बल्कि विधानसभा का होगा.
बारामती लोकसभा सीट से पत्नी को मिली है हार:
हाल के दिनों में इस लोकसभा सीट से अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चहेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था. लेकिन पत्नी को हार का मुंह देखना पड़ा. सुप्रिया सुले ने सुनेत्रा पवार को करीब डेढ़ लाख वोट से चुनाव हराकर जीत हासिल की. हालांकि अजित पवार ने अपनी अपनी पत्नी को राज्यसभा भेजकर अपनी इज्जत बचाई.