मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी हलचल तेज होती दिख रही है. बीजेपी और शिवसेना (Shiv Sena) में जारी तनातनी के बीच मंगलवार को एनसीपी और कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधि-मंडल राज्यपाल राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी (Bhagat Singh Koshyari) से मुलाकात करेगा. इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सीएम एवं कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, महाराष्ट्र एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल और महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ बालासाहब थोराट शामिल हैं. इससे पहले सोमवार को शिवसेना नेता संजय राउत और रामदास कदम ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. न्यूज एजेंसी एएनआइ के मुताबिक,यह प्रतिनिधिमंडल राज्य में भारी बारिश से बर्बाद हुई फसल और राज्य के सियासी हालात के बारे में बातचीत करेगा.
चुनाव नतीजों के 12 दिन बाद भी सरकार को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है. बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर सहमती नहीं बन पा रही है. राज्य में सरकार गठन के लिए संवैधानिक रूप सिर्फ चार दिन का समय बाकी है, लेकिन बीजेपी- शिवसेना में बात नहीं बन रही है. बीजेपी किसी कीमत पर शिवसेना के दबाव में आने के लिए तैयार नहीं है. बीजेपी जहां शिवसेना के झुकने का इंतजार कर रही है तो वहीं फिफ्टी-फिफ्टी के फार्मूले पर अड़ी शिवसेना सरकार बनाने के लिए बीजेपी को छोड़कर भी कई विकल्प तलाश रही है.
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NCP और कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल करेगा राज्यपाल से मुलाकात-
A delegation NCP&Congress leaders to meet #Maharashtra Governor later today.Maha NCP chief Jayant Patil, Former CM Prithviraj Chavan&Maha Congress Chief Balasaheb Thorat to be part of the delegation.Delegation to discuss agriculture crises¤t political situation in the state
— ANI (@ANI) November 5, 2019
सरकार गठन को लेकर बीजेपी शिवसेना में सहमती नहीं बन पा रही है. शिवसेना ने बीजेपी से दो टूक कह दिया है कि अगर उसे सरकार बनाने के लिए समर्थन चाहिए तो 50-50 फॉर्मूले को लागू करना होगा. शिवसेना की मांग है की ढाई साल शिवसेना और ढाई साल बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा. वहीं बीजेपी ने शिवसेना की इस मांग को मानने से सीधे-सीधे इनकार कर दिया है. बीजेपी साफ कर चुकी है कि अगले पांच साल तक देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत 145 है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं. वहीं, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं.