कमलनाथ राज में आदिवासियों पर हो रहा अत्याचार: शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह और कमलनाथ (Photo Credit-Twitter)

भोपाल. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों की समस्याओं को लेकर मंगलवार को सड़क पर उतरे और राज्य की कमलनाथ सरकार पर आदिवासियों को परेशान करने का आरोप लगाया. बाद में मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा मांगें पूरी करने का आश्वासन दिए जाने पर शिवराज ने आंदोलन समाप्त किया. सीहोर जिले के बरेला समाज के आदिवासियों की समस्याओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को सड़क पर उतरे. ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर आए आदिवासियों को पुलिस द्वारा शहर से बाहर रोके जाने पर चौहान ने विरोध किया और स्वयं मौके पर पहुंचे, जहां से चौहान खुद एक ट्रैक्टर पर सवार होकर सभी को टीटी नगर लेकर आए, जहां धरना दिया गया.

इस मौके पर उन्होंने कहा, "प्राकृतिक संसाधनों पर हर गरीब और आदिवासी का हक है, जिन जमीन के टुकड़ों पर आदिवासी वर्षो से खेती कर रहे थे, उन्हें भाजपा सरकार ने मालिकाना हक देने का काम किया. लेकिन वक्त बदलते ही अब आदिवासियों पर प्रदेश सरकार अत्याचार कर रही है। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वनवासियों को डराया-धमकाया जा रहा है. उन्हें जमीन से हटाने और मिटाने की धौंस दी जा रही है."

उन्होंने आगे कहा, "गरीब आदिवासियों का जल, जंगल और जमीन पर बराबर का हक है, लेकिन कमलनाथ सरकार आदिवासियों से इनका हक छीन रही है. वर्षो से जिस जमीन पर आदिवासी रह रहा है और खेती कर रहा है, उस जमीन से प्रदेश सरकार उसे बेदखल कर रही है. अगर आदिवासी का हक किसी भी सरकार ने छीनने की कोशिश की, तो उस सरकार से संघर्ष करेंगे."

चौहान ने आदिवासियों पर की गई कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा, "कमलनाथ सरकार में शासन और प्रशासन दमनकारी नीतियों पर काम कर रहा है. आबकारी विभाग महुआ के नाम पर भोले भाले आदिवासियों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर रहा है. मेहनत मजदूरी करने वाले गरीब आदिवासियों के ट्रैक्टर ट्राली राजसात कर उन्हें जेल भेज दिया जाता है. कमलनाथ सरकार में दम है तो गरीब आदिवासियों पर कार्रवाई करने के बजाए बड़े बड़े माफियाओं को पकड़कर बताए. कमलनाथ सरकार उन माफियाओं और दलालों को, जो वल्लभ भवन के गलियारों में लूट रहे हैं, जो नोट के बोरे भर रहे हैं, उन्हें जेल नहीं भेजेगी. उन पर कार्रवाई नहीं करेगी। यह सरकार तो सिर्फ गरीब आदिवासियों को प्रताड़ित करेगी."

धरने के पश्चात चौहान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर ज्ञापन सौंपा. कमलनाथ द्वारा मांगें मान लिए जाने पर चौहान को कंधे पर बैठाकर न्यू मार्केट में जुलूस निकाला गया। बाद में धरना समाप्त कर दिया गया.