मध्यप्रदेश सियासी संकट: कमलनाथ सरकार ने मांगा समय तो SC ने कहा-हम चाहते हैं फ्लोर टेस्ट हो जल्द, जोड़तोड़ को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए

मध्यप्रदेश में सियासी दंगल अभी थमा नहीं है. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चूका है. जहां इसकी सुनवाई भी की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) जो मध्य प्रदेश स्पीकर का पक्ष कोर्ट के सामने रख रहे हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दो सप्ताह का समय मांगाते हुए कहा कि बागी विधायकों को मध्य प्रदेश, उनके घरों में वापस आ जाएं. सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि जल्द फ्लोर टेस्ट हो. जोड़तोड़ को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विधायक बात करेंगे तो क्या स्पीकर इस्तीफा स्वीकार कर लेंगे? जिसपर सिंघवी ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है. सिंघवी ने कहा कि कोर्ट स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल नही दे सकता. सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि बागी विधायक तटस्थ स्थान पर विधानसभा अध्यक्ष के सामने खुद को पेश कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: IANS)

मध्यप्रदेश में सियासी दंगल अभी थमा नहीं है. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चूका है. जहां इसकी सुनवाई भी की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) जो मध्य प्रदेश स्पीकर का पक्ष कोर्ट के सामने रख रहे हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दो सप्ताह का समय मांगाते हुए कहा कि बागी विधायकों को मध्य प्रदेश, उनके घरों में वापस आ जाएं. सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि जल्द फ्लोर टेस्ट हो. जोड़तोड़ को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विधायक बात करेंगे तो क्या स्पीकर इस्तीफा स्वीकार कर लेंगे? जिसपर सिंघवी ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है. सिंघवी ने कहा कि कोर्ट स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल नही दे सकता. सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि बागी विधायक तटस्थ स्थान पर विधानसभा अध्यक्ष के सामने खुद को पेश कर सकते हैं.

विधानसभा में जल्द फ्लोर टेस्ट करवाने को लेकर डाली गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम कोई का हल निकालना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह राज्य नहीं बल्कि राष्ट्र की समस्या है. इससे पहले अदालत ने कहा था कि वह विधानसभा द्वारा यह तय करने के बीच में कोई दखल नहीं देना चाहते हैं कि किस पार्टी के पास बहुमत है. कोर्ट ने राज्य कांग्रेस के बागी विधायकों से जजों के चैंबर में मिलने के प्रस्ताव को ठुकराते हुये कहा था कि विधानसभा जाना या नहीं जाना उन पर निर्भर करता है, लेकिन उन्हें किसी को भी बंधक बनाकर नहीं रखा जा सकता है.

ANI का ट्वीट:- 

शिवराज सिंह चौहान ने कहा:- 

ज्ञात हो कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिछले सप्ताह पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, इनमें से 6 कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा मंजूर भी कर लिया गया है. जिसके बाद से 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 11 मार्च को बीजेपी में शामिल हो गए. वहीं इस सियासी घमासान के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम आराम से हैं, विधायक आराम से हैं और आने वाले समय को देखते हुए जनता भी आराम से है. सत्य की विजय होगी, न्याय की जीत होगी। माननीय सुप्रीम कोर्ट पर हम सबका विश्वास है.

Share Now

\