मध्य प्रदेश का सियासी संकट: कांग्रेस का आरोप- बंधक बनाए गए विधायकों को डरा धमका रही बीजेपी

पीसी शर्मा ने कांग्रेस के बागी विधायकों के बारे में कहा कि वे वहां उन्हें आतंकित किया जा रहा है. कांग्रेस के विधायकों को डराया, धमकाया जा रहा है. उन्हें राज्य में आने की अनुमति नहीं है. उनके परिवार वालों को भी परेशान किया जा रहा है.

कांग्रेस नेता पीसी शर्मा (Photo Credit-ANI)

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जारी सियासी संघर्ष के बीच कमलनाथ सरकार में मंत्री मंत्री पीसी शर्मा ने कांग्रेस के बागी विधायकों के बारे में कहा कि वे वहां उन्हें आतंकित किया जा रहा है. कांग्रेस के विधायकों को डराया, धमकाया जा रहा है. उन्हें राज्य में आने की अनुमति नहीं है. उनके परिवार वालों को भी परेशान किया जा रहा है. मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma) ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायकों को बीजेपी ने बेंगलुरु में बंधक बनाया है. उन्हें वहां से भोपाल नहीं आने दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त करके लोकतंत्र की हत्या कर रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी नेता बंधक बनाए गए कांग्रेस विधायकों के परिवार वालों को भी डरा-धमका रहे हैं.

कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाकर रखा है और एमपी में कमलनाथ की सरकार को अस्थिर करना चाहती है. कांग्रेस का कहना है कि इन विधायकों को छोड़े बगैर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायकों का कोरोना वायरस टेस्ट कराने की भी मांग की है. यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश का सियासी संघर्ष: आधी रात को राज्यपाल से मिले सीएम कमलनाथ, फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस बरकरार. 

पीसी शर्मा का आरोप-

वहीं फ्लोर टेस्ट पर अभी तक सस्पेंस बरकरार है. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस इसलिए है क्योंकि स्पीकर की ओर से विधानसभा के कार्यक्रम की जो लिस्ट जारी की गई है उसमें राज्यपाल के अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं किया गया है. बीती रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि फ्लोर टेस्ट पर स्पीकर फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि फ्लोर टेस्ट से पहले बंधक बनाए गए विधायकों को पहले छोड़ा जाए.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के छह मंत्रियों सहित 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. छह विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा की प्रभावी संख्या 228 से घटकर 222 हो गई है. बहुमत का जादुई आंकड़ा अब 112 हो गया है. कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 से घटकर 108 पर आ गई है. ऐसे में एसपी, बीएसपी और चार निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से कांग्रेस अपनी सरकार बचा सकती है. बीजेपी के पास इस समय 107 विधायक हैं.

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