मध्य प्रदेश सियासी संकट: कांग्रेस के बागी विधायक मीडिया से हुए रूबरू, कहा- ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता, BJP में शामिल होने पर फैसला नहीं 

मध्य प्रदेश में सियासी घमासान जारी है. सूबे की कमलनाथ सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. विधानसभा में सोमवार को फ्लोर टेस्ट ना होने के बाद बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है. शिवराज सिंह चौहान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में मध्य प्रदेश में 24 घंटे में बहुमत साबित करने की मांग की गई है. इस मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में होनी है. इसी बीच कांग्रेस के बागी विधायक मीडिया के सामने आये हैं. उन्होंने कहा कि उनके नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं.

कांग्रेस के बागी विधायक (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सियासी घमासान जारी है. सूबे की कमलनाथ सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. विधानसभा में सोमवार को फ्लोर टेस्ट ना होने के बाद बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटा दिया है. शिवराज सिंह चौहान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में मध्य प्रदेश में 24 घंटे में बहुमत साबित करने की मांग की गई है. इस मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में होनी है. इसी बीच कांग्रेस के बागी विधायक मीडिया के सामने आये हैं. उन्होंने कहा कि उनके नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) हैं. हम हमेशा उनके साथ रहेंगे भले ही हमें कुएं में क्यों न कूदना पड़े. इन विधायकों में गोविंद सिंह राजपूत, राजवर्धन सिंह, एंदल सिंह कंसाना, तुलसी राम सिलावट, इमरती देवी सहित कई विधायकों का समावेश है.

बागी विधायकों ने आगे कहा कि बीजेपी में शामिल होने को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं किया है. लेकिन आगे विचार के बाद भी निर्णय लिया जाएगा. इसके साथ ही कमलनाथ पर इन्होने जवाबी हमले किये हैं. विधायकों का कहना है कि वे किसी के दबाव में नहीं है, उन्हें किसी ने बंधक नहीं बनाया हुआ है. सूबे की सुरक्षा पर उन्हें भरोसा नहीं है, केंद्रीय सुरक्षा बल के संरक्षण में वे भोपाल जाने के लिए तैयार हैं. यह भी पढ़े-बीजेपी का नया दांव: बागी विधायकों का ऐलान केंद्रीय सुरक्षा में भोपाल लौटने को तैयार

ANI का ट्वीट-

ज्ञात हो कि बेंगलुरु में कांग्रेस के बागी विधायक डेरा डाले हुए हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. जिससे कमलनाथ सरकार गिरने का खतरा मंडरा रहा है. इनमें से छह विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जा चुके हैं.

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