MP Bye-Election 2020 : सिंधिया की होम पिच ग्वालियर में कांग्रेस ने लगाया जोर, बीजेपी भी लगा रही है ताकत
ज्योतिरादित्य सिंधिया (Photo Credit-ANI)

मध्यप्रदेश में ग्वालियर सियासत का अखाड़ा बनता जा रहा है, यहां राजनेताओं की न केवल सक्रियता बढ़ रही है बल्कि तनाव और विवाद के हालात भी बन रहे हैं. राज्य में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं इनमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल अंचल से आती हैं और यहां की जीत-हार राजनीतिक दलों के लिए बड़े मायने रखती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का प्रभाव क्षेत्र में माना जाता रहा है.

सियासी तौर पर अपने को मजबूत साबित करने के लिए दोनों राजनीतिक दलों को इस इलाके में बड़ी जीत हासिल करना जरुरी है. भाजपा ने जहां तीन दिन का महा सदस्यता अभियान चलाया तो उसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और उमा भारती के दौरे हो चुके हैं. इसके अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शर्मा व केंद्रीय मंत्री तोमर ने प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ कई बैठकें भी की हैं. एक तरफ जहां भाजपा पूरी ताकत झोंके हुए हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस भी किसी भी मायने में पीछे नहीं रहना चाहती. भाजपा के सदस्यता महा अभियान का कांग्रेस ने भी विरोध किया था और इनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए. अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ दो दिवसीय प्रवास पर ग्वालियर में है. यह भी पढ़े: मध्यप्रदेश: दमोह में आकाशीय बिजली गिरने से 7 की मौत, CM शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस नेता कमल नाथ ने जताया शोक

पिछले दिनों पोस्टर लगाने और हटाने को लेकर कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई की स्थिति आ गई थी और मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से धक्का-मुक्की तक हो गई थी. पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता लाखन सिंह यादव भाजपा पर दमनात्मक कार्रवाई अपनाने का आरोप लगा चुके हैं. साथ ही उनका कहना है कि कमलनाथ का दौरा आगामी चुनाव की ²ष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. भाजपा कमल नाथ के दौरे से बैाखलाई हुई है. वहीं भाजपा की ओर से कमल नाथ से सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर उन्होंने 15 माह की सरकार में ग्वालियर-चंबल इलाके के लिए क्या किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि कमलनाथ ने इस इलाके की पीठ में छुरा घोंपने का ही काम किया है. 15 माह में न तो विकास कार्य हुए और न आम लोगों की जरूरतों का ध्यान रखा गया. कमल नाथ को ग्वालियर में यह तो बताना ही चाहिए कि उन्होंने इस क्षेत्र के लिए क्या किया है. यह भी पढ़े: Pradhan Mantri Gramin Awaas Yojana: मध्यप्रदेश के 1.75 लाख परिवारों के गृह प्रवेश की खुशियां साझा करेंगे PM नरेंद्र मोदी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जरिए लोगों से करेंगे संवाद

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव रोचक और राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण रहेंगे. इस चुनाव से जहां सिंधिया के प्रभाव को साबित करना होगा तो वहीं कमलनाथ को भी 15 माह की सरकार के कार्यकाल का जवाब देना होगा. कांग्रेस को जीत मिली तो सिंधिया के राजनीतिक भविष्य पर कुहासा छा जाएगा और अगर भाजपा जीती तो कांग्रेस के लिए इस इलाके में फि र खड़ा होना मुश्किल हो जाएगा.