Farmers Protest: राकेश टिकैत की आंखों में आंसू देख फिर पलटा किसान आंदोलन का रुख, क्या सरकार की बढ़ेगी मुश्किल?
गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा के बाद से जहां एक तरफ बॉर्डर पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी, वहीं अब धीरे धीरे फिर से किसानों में एक नया जोश पैदा हो गया है.
गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर हुई हिंसा के बाद से जहां एक तरफ बॉर्डर पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी, वहीं अब धीरे धीरे फिर से किसानों में एक नया जोश पैदा हो गया है. गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर 26 जनवरी की घटना के बाद से प्रशासन द्वारा भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया, जिसके बाद से किसानों में डर बैठा और बॉर्डर से धीरे धीरे किसान वापस अपने गांव जाने लगे. गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार शाम तक किसानों की संख्या में कमी देखने को मिली तो शुक्रवार होते ही किसानों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है.
गुरुवार शाम भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की आंखों में आए आंसू ने आंदोलन को एक नई धार दे दी है. बॉर्डर पर किसानों में इस बात का आक्रोश है कि हमारे नेता की आंखों में आंसू प्रशासन के कारण आए हैं. उनका कहना है कि भले ही जान चली जाए लेकिन अब ये आंदोलन खत्म नहीं होगा. गुरुवार शाम गाजियाबाद प्रशासन गाजीपुर बॉर्डर पहुंच कर राकेश टिकैत से धरना स्थल खाली करने को कहा, लेकिन बातचीत के दौरान टिकैत को पता लगा कि यहां एक बड़ी साजिश रची जा रही है जिसके बाद उन्होंने मंच से ही प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगा दिए. यह भी पढ़े: Farmers Protest: किसान नेता राकेश टिकैत ने समर्थकों और मीडिया कर्मियों के बीच युवक को जड़ा थप्पड़, जानें क्या है पूरा मामला
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टिकैत के मंच के भाषण के बाद से किसानों के अंदर आक्रोश दिखा और जो किसान बॉर्डर से वापस जा रहे थे, वो अचानक वापसी का प्लान बनाने लगे. दूसरी ओर नरेश टिकैत ने भी जहां एक तरफ गुरुवार को नरम रुख दिखाया तो दूसरी ओर गुरुवार शाम तक उनके रुख में एक बड़ा बदलाव दिखा और महापंचायत करने का फैसला ले लिया. गाजियाबाद प्रशासन देर रात तक बॉर्डर पर बना रहा, लेकिन किसानों का रवैया देख, प्रशासन को पीछे हटना पड़ा और बॉर्डर पर तैनात की गई फोर्स को देर रात वापस बुलाना पड़ा. शुक्रवार सुबह बॉर्डर पर पुलिस बल कम दिखाई दे रहा है, वहीं किसानों की संख्या में फिर से इजाफा होने लगा है. ये कहना गलत नहीं होगा कि राकेश टिकैत के स्टेज पर निकले आंसू ने किसानों के दिल मे गहरी जगा बना ली है.