बिहार (Bihar) में महागठबंधन (Grand Alliance) में सीट शेयरिंग (Seat Sharing) को लेकर आ रही मतभेद की खबरों के बीच कांग्रेस (Congress) अपने साथ ऐसे उम्मीदवारों को जोड़ने की जुगत में है जिससे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सामने वह अपनी सौदेबाजी की स्थिति मजबूत कर सके. सूत्रों के मुताबिक, पांच दिन पहले बीजेपी (BJP) छोड़ने वाले पूर्णिया के सांसद उदय सिंह के साथ कांग्रेस बातचीत कर रही है. उदय सिंह ने बिहार में महागठबंधन में शामिल होने के संकेत दिए थे. वहीं, बीजेपी के असंतुष्ट दरभंगा सांसद कीर्ति आजाद भी जल्द ही पाला बदल सकते हैं और कांग्रेस से टिकट पा सकते हैं. इसके अलावा आरजेडी के पूर्व नेता पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन और बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को भी कांग्रेस लोकसभा चुनाव में टिकट दे सकती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरजेडी ने कांग्रेस की इन संभावित कदमों पर आपत्ति जताई है. आरजेडी के एक नेता ने कहा कि उनकी पार्टी इन खबरों से नाराज है. उन्होंने कहा कि हमने इन दागी लोगों को लेकर कांग्रेस से अपनी नाराजगी जताई है. उधर, इन नए नामों के अलावा कांग्रेस अपने पुराने नेताओं पर भी भरोसा करेगी. इनमें पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का फिर से सासाराम से चुनाव लड़ने की संभावना है. इसके अलावा हाल ही में कांग्रेस के पाले में लौटे पूर्व सांसद तारिक अनवर भी टिकट पाने के एक मजबूत दावेदार हैं.
मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे हिंदी हार्टलैंड राज्यों में जीत के बाद कांग्रेस को बिहार और उत्तर प्रदेश में भी अपनी वापसी की उम्मीद है. इसी को देखते हुए कांग्रेस अपने सहयोगियों से सीटों के बंटवारे को लेकर बेहतर सौदा चाह रही है. कांग्रेस कम सीटों पर लड़ने को तैयार नहीं थी इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में वह समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन का हिस्सा नहीं है. वहीं, सूत्रों की मानें तो बिहार में आरजेडी कांग्रेस को उसके मनमुताबिक सीटें देने को तैयार नहीं है. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव का होगा असर, धीमी रहेगी औद्योगिक गतिविधियों की रफ्तार
बिहार कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि हाल ही में तेजस्वी यादव की बीएसपी सुप्रीमो मायावती और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव से हुई मुलाकात को कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों को एक संदेश देने के संदर्भ में ही देखा जा रहा है. उधर, तेजस्वी यादव का कहना है कि कांग्रेस को अपनी नेतृत्व की भूमिका 'बड़ा दिल' दिखाकर निभानी होगी और क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर चलने से होगी. इन सब के बीच कांग्रेस अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए पटना के गांधी मैदान में 3 फरवरी को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की एक रैली करने जा रही है.