Ghazipur Lok Sabha Seat: मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल को चुनौती देंगे पारस नाथ, बीजेपी ने गाजीपुर लोकसभा सीट से दिया टिकट

उत्तर प्रदेश: लोकसभा चुनाव के लिए गाजीपुर सीट पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. यह सीट इसलिए चर्चित है क्योंकि यहां से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर पारस नाथ राय को टिकट दिया है. गाजीपुर से चुनाव लड़ने जा रहे पारस नाथ राय बीजेपी के पुराने नेता हैं जो मनोज सिन्हा के भी करीबी माने जाते हैं. हालांकि वह पहली बार सांसदी के चुनाव में उतर रहे हैं, बीजेपी संगठन और आरएसएस से जुड़े रहे पारस नाथ राय पहली बार लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं.

मुख्तार की मौत

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को तबीयत बिगड़ी थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मुख्तार की मौत का कारण हार्ट अटैक आया था. मगर दूसरी तरफ परिजनों का आरोप है कि जेल में मुख्तार को स्लो पॉइजन दिया गया था, जो मौत का कारण बना.

अंतिम दम तक लड़ेंगे

अफजाल ने कहा, "मुख्तार की कुर्बानी के बाद हमने शपथ ली है कि हमारे खानदान का एक बच्चा भी जीवित रहेगा तो इन जालिमों के खिलाफ गरीबों की मदद से अंतिम दम तक लड़ेगा. मुख्तार की मौत षड्यंत्र कर की गई और उसके लाखों अनुयाई थे. मुख्तार को अपराधी बताने वाले सिर्फ चंद लोग हैं."

गाजीपुर लोकसभा सीट

2019 के लोकसभा चुनाव में गाजीपुर सीट पर बीजेपी को झटका लगा था और उसके कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को हार मिली थी. उन्हें बहुजन समाज पार्टी के अफजाल अंसारी ने हराया था. चुनाव में अफजाल अंसारी को 566,082 वोट मिले थे तो वहीं मनोज सिन्हा के खाते में 4,46,690 वोट आए थे. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी यहां पर तीसरे स्थान पर रही थी. अफजाल अंसारी ने 1,19,392 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी.

इससे पहले 2014 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को जीत मिली थी. चुनाव में सिन्हा को 3,06,929 वोट मिले तो समाजवादी पार्टी के शिवकन्या कुशवाहा को 2,74,477 वोट मिले. मनोज सिन्हा ने 32,452 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. मनोज सिन्हा गाजीपुर से 3 बार सांसद चुने गए हैं. वह 1996, 1999 और 2014 में यहां से सांसद बने.