लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 6 चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. अंतिम और सातवें चरण की जंग अभी बाकि है. बीजेपी और महागठबंधन का यह मुकाबला आए दिन नया मोड़ ले रहा है. अब आखिरी चरण के मतदान से पहले विपक्ष की एकता में दरार की खबरे आ रही हैं. 23 मई से पहले ही कांग्रेस को बड़ा झटका मिलता दिख रहा है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार रिजल्ट से पहले होने वाली विपक्ष की मीटिंग को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee), बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) टाल सकते हैं.
एनडीटीवी के अनुसार इस मीटिंग को लेकर ममता बनर्जी का कहना है कि "जब तक 23 मई को नतीजे नहीं आ जाते तब तक मीटिंग की कोई जरूरत नहीं है." इसके अलावा मायावती की तरफ से भी मीटिंग को लेकर नकारात्मक जवाब ही मिला है. रिपोर्ट के मुताबिक इस सिलसिले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने पिछले हफ्ते बंगाल में ममता बनर्जी से मिले, तो उन्हें इसको लेकर मना कर दिया गया.
खबरें हैं कि ममता (Mamata Banerjee) ने नायडू से यह कहा कि 23 मई को नतीजे आने से पहले इस तरह की मीटिंग का कोई मतलब ही नहीं है. यूपी में बुआ और बबुआ का तालमेल भी इस मीटिंग में नहीं दिखेगा. चुनाव खत्म होने से पहले ही विपक्षी एकता डगमगा रही है. एक तरफ जहां पीएम पद के लिए किसी का नाम फिक्स नहीं है तो वहीं हर कोई खुद को गेम चेंजर के रूप में देख रहा है.
मायावती और अखिलेश पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पर लगातार हमले बोलते आए हैं. दोनों ने ही कांग्रेस को बीजेपी की ही तरह बताया. उनका कहना है कि कांग्रेस भी बीजेपी की तरह विपक्षी पार्टियों को दबाने का काम करती है. अखिलेश यादव ने तो ये तक कह दिया था कि बीजेपी को कांग्रेस ने ही ये सब करना सिखाया है.
मायावती, अखिलेश, ममता बनर्जी जैसे विपक्षी दिग्गज रिजल्ट से पहले कांग्रेस से कुछ दूरी बनाते हुए नजर आ रहे हैं. रिजल्ट के बाद ये पार्टियां किस ओर कैसे अपना झुकाव दिखाती हैं यह देखने वाली बात होगी. 21 मई को होने वाली बैठक का नेतृत्व कांग्रेस को ही करना था. लेकिन अब विपक्षी दलों के मुंह फेरने वाली बात से कहीं न कहीं कांग्रेस को झटका लग सकता है.