बेंगलुरु. कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी का कोहराम देश में थमता हुआ नहीं दिखाई पड़ रहा है. कोविड-19 से संक्रमितों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन चल रहा है. इस दौरान प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य में पहुंचाने के लिए केंद्र सहित राज्य सरकारें हर संभव मदद कर रही हैं. इसी बीच कर्नाटक (Karnataka) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बताना चाहते हैं कि प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनों के रद्द करने के फैसले का विरोध होते ही सूबे की सरकार ने अपना फैसला बदल दिया है. राज्य की बीएस येदियुरप्पा सरकार (BS Yediyurappa Government) ने 9 राज्यों को पत्र लिखा है कि सरकार यहां फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को दोबारा उनके घर वापस भेजना चाहती है. इन नौ राज्यों में बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मणिपुर और राजस्थान शामिल हैं।
ज्ञात हो कि कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने ट्रेनें वापस चलाने का ऐलान किया है. राज्य सरकार के इस फैसले के बाद ये ट्रेनें कर्नाटक में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, टूरिस्टों और अन्य लोगों को उनके गृह प्रदेशों तक ले जाने के लिए बेंगलुरु से चलने जा रही हैं. यह भी पढ़े-कर्नाटक: सीएम बीएस येदियुरप्पा का मंत्रियों को निर्देश, प्रवासी मजदूर घर ना जाएं, उन्हें समझाया जाए, उनके काम के साथ रहने की जाएगी व्यवस्था
ANI का ट्वीट-
Govt of Karnataka has written to Jharkhand, Odisha, Bihar, Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, Manipur, Tripura, West Bengal and Rajasthan Governments seeking their consent to operate trains to their states from 8 to 15 May for transportation of people stranded in Karnataka. #COVID19 pic.twitter.com/9IugwcFdZH
— ANI (@ANI) May 7, 2020
ज्ञात हो कि इससे पहले येदियुरप्पा सरकार ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से प्रवासी मजदूरों को लेकर जाने वालीं स्पेशल ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया था. राज्य सरकार ने बिल्डरों के साथ हुई बैठक के बाद भविष्य में श्रमिक संकट की आशंका के चलते यह निर्णय लिया था. लेकिन हर तरफ से विवाद के बाद सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा है.