आइजोल: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस लगभग सभी राज्यों में सत्ता गंवा चुकी है. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के बाद से कांग्रेस ने अधिकांश चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन किया है. कभी पूर्वोत्तर भारत में सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस के पास अब मात्र एक राज्य मिजोरम बचा है जहां भी सत्ता दूर होती दिख रही है. बीजेपी वर्तमान में 8 में से 7 पूर्वोत्तर राज्यों में शासन कर रही है.
पूर्वोत्तर में मिजोरम ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस सत्ता में हैं. लेकिन वहां भी पार्टी की पकड़ ढीली हो रही है. इसी का नतीजा है कि यहां कांग्रेस के एक विधायक ने चुनाव से ठीक पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वह राज्य में 28 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देने वाले सत्ताधारी पार्टी के चौथे विधायक बन गए हैं. हमिंगडेलोवा तुईरेल-4 विधानसभा से विधायक हैं.
इस इस्तीफे के साथ ही 40 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या कम होकर 30 रह गई है, जबकि विपक्षी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के सदस्यों की संख्या छह है. चार सीटें खाली हैं. पर्वोत्तर में मिजोरम ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस सत्ता में है. विधानसभा सचिवालय सूत्रों ने बताया कि खियांगटे ने अपना इस्तीफा विधानसभाध्यक्ष हिफेई को उनके सरकारी आवास पर सौंपा.
देश के 21 राज्यों में सत्ता पर काबिज बीजेपी की निगाहें फिलहाल पूर्वोत्तर की 'सात-बहनों' (सेवन-सिस्टर्स) यानि असम, अरुणाचल, मणिपुर, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय पर सबसे ज्यादा है. बीजेपी ने इसे कांग्रेस मुक्त करने का प्रण लें रखा है जो कि लगभग पूरा भी हो चूका है.
बीजेपी पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में कमल खिलाने में जुटी है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान यहां के लोगों के बीच गए और उन्हें संबोधित किया. कई परियोजनाओं का सौगात दिया. लेकिन ठीक इसके उलट कांग्रेस के पास पूर्वोत्तर के लिए ना कोई खास एजेंडा है और ना ही कोई बड़ा नेता. इसलिए कांग्रेस और राहुल गांधी से हतोत्साहित होकर यहाँ के लोग बीजेपी की तरफ बढ़ रहे हैं.