हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद हरियाणा में बढ़ सकती है बीजेपी की टेंशन, दुष्यंत चौटाला पर बढ़ रहा है दबाव, कांग्रेस ने कही ये बात
जेजेपी अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला (Photo Credits ANI)

देश में कृषि सुधार के लिए लोकसभा ने गुरुवार को दो अहम विधेयकों को मंजूरी दे दी. लेकिन उसके साथ उठा विवाद अब और भी गहराता जा रहा है, जिसे लेकर केंद्र की राष्‍ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में फुट पड़ गई है. एनडीए में बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) के कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने गुरुवार को इस्‍तीफा दे दिया. इसके साथ शिरोमणि अकाली दल मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है. लेकिन मामला अब और तूल पकड़ सकता है. दरअसल कृषि संबंधित बिल को लेकर NDA के एक और सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) पर दबाव बढ़ता जा रहा है. जेजेपी प्रमुख डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर कांग्रेस अब हमलावर हो गई है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी एक ट्वीट करते हुए जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि दुष्यंत जी, हरसिमरत के इस्तीफ़े के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफ़ा दे देते. पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं ?कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे. जजपा सरकार की पिछलग्गु बन किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है. बता दें कि हरियाणा में बीजेपी और JJP की सरकार है और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला हैं. कांग्रेस अब दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधकर एक तीर से दो निशाना साध रही है. यह भी पढ़ें:- PM Narendra Modi on Agricultural Bills: पीएम मोदी बोले- देश का किसान देख रहा है, कौन लोग बिचौलियों के साथ खड़े हैं.

रणदीप सिंह सुरजेवाला का ट्वीट:-

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला अगर सरकार के साथ रहते हैं तो कांग्रेस उन्हें किसान विरोधी कहकर निशाना साधेगी. वहीं अगर दुष्यंत इस मामले को लेकर हरसिमरत कौर की तरह से इस्तीफा देते हैं तो हरियाणा की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगेंगे. ऐसे में कांग्रेस चिट और पट दोनों को अपने पाले में डालने के मूड में हैं. वहीं, एक तरफ जहां पर कांग्रेस केंद्र सरकार और निशाना साध रही है. वहीं बीजेपी भी कांग्रेस पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगा रही है.

पीएमओ ऑफ इंडिया के ट्वीट के माध्यम से कहा गया है कि जिस APMC एक्ट को लेकर अब ये लोग राजनीति कर रहे हैं, एग्रीकल्चर मार्केट के प्रावधानों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं, उसी बदलाव की बात इन लोगों ने अपने घोषणापत्र में भी लिखी थी. लेकिन अब जब एनडीए सरकार ने ये बदलाव कर दिया है, तो ये लोग इसका विरोध करने पर उतर आए हैं.