कर्नाटक (Karnataka) में विश्वास मत के बाद जेडीएस-कांग्रेस (JDS- Congress) की सरकार गिर चुकी है. लेकिन यह राजनीतिक ड्रामा अभी भी जारी है. इस बीच कर्नाटक के तीन विधायकों को बगावत की सजा मिल गई है. स्पीकर ने इन विधायकों को विधानसभा के मौजूदा कार्यकाल तक के लिए दलबदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है. ये विधायक मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक यानी 2023 तक अयोग्य रहेंगे. यानी अगर 2023 से पहले चुनाव नहीं हुआ तो ये विधायक कहीं से भी विधानसभा या उपचुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे.
अयोग्य घोषित होने वाले कांग्रेस के दो बागी रमेश जारकिहोली (Ramesh Jarkiholi) और महेश कुमातल्ली (Mahesh Kumathalli) के अलावा एक निर्दलीय विधायक आर शंकर (R Shankar) हैं. अयोग्य ठहराए गए विधायकों के सामने हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है. स्पीकर केआर रमेश कुमार का कहना है कि इन विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं दिया था, इसलिए उन्होंने इसे अस्वीकार कर दल-बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की.
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स्पीकर अब कुछ दिनों में बाकी बचे विधायकों के इस्तीफे पर भी फैसला करेंगे. हालांकि, स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि अयोग्य ठहराए गए विधायकों के कार्यकाल पर अंतिम फैसला चुनाव आयोग लेगा. बाकी विधायकों के इस्तीफों पर के.आर. रमेश ने कहा कि वह कुछ दिन में फैसला करेंगे. रमेश कुमार ने कहा कि 'अभी तक इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं. इस्तीफे 100 फीसदी स्वेच्छा से नहीं दिए गए हैं, वास्तविक नहीं हैं.. यह पूरी दुनिया जानती है.' वहीं बागी विधायक अब भी मुंबई में डेरा डाले हुए हैं और उनका कहना है कि वे विधानसभा सदस्यता छोड़ने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे.
बता दें कि 23 जुलाई को विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गई थी. कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 99 और विरोध में 105 मत पड़े थे. इस तरह कुमारस्वामी सरकार के विश्वासमत हारने के बाद तीन सप्ताह से चले आ रहे कर्नाटक के सियासी ड्रामे के बाद जेडीएस- कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार गिर गई.