कर्नाटक में सियासी उठापटक, गुरुग्राम के रिसॉर्ट में बीजेपी के 104 विधायकों ने डाला डेरा

224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी के 104 विधायक, कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37, बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं.

एचडी कुमारस्वामी और बी. एस. येदियुरप्पा (Photo Credits: ANI)

कर्नाटक (Karnataka) में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप-प्रत्यारोप के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 104 विधायक देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम (Gurugram) के एक रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं. कर्नाटक की सत्ता पर काबिज कांग्रेस - जेडीएस गठबंधन (Congress-JDS Alliance) और बीजेपी ने एक-दूसरे पर विधायकों को लालच देकर तोड़ने के आरोप लगाए हैं.  कांग्रेस - जेडीएस ने जहां बीजेपी पर विधायकों को लालच देने के आरोप लगाए वहीं कर्नाटक बीजेपी के प्रमुख बी. एस. येदियुरप्पा (B. S. Yeddyurappaने इन खबरों को खारिज कर दिया कि सरकार गिराने के लिए उनकी पार्टी ‘ऑपरेशन कमल’ में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि आरोपों में कोई सत्यता नहीं है और कहा कि कांग्रेस - जेडीएस गठबंधन उनकी पार्टी के विधायकों को लालच देने का प्रयास कर रहा है.

दिल्ली में बीजेपी विधायकों और सांसदों से मुलाकात करने के बाद येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि हमने नहीं, उन्होंने (कांग्रेस - जेडीएस) खरीद-फरोख्त की शुरुआत की है. हम एक-दो दिनों तक दिल्ली में रूकेंगे क्योंकि कुमारस्वामी हमारे विधायकों से संपर्क साधने के प्रयास में हैं और खरीद-फरोख्त शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ‘‘सतर्क और सावधान’’ है क्योंकि मुख्यमंत्री ‘‘शक्ति और धन’’ का इस्तेमाल कर हमारे विधायकों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं. यह भी पढ़ें- Army Day 2019: आजाद भारत के पहले सेनाध्यक्ष को समर्पित है ये दिन, पाक राष्ट्रपति भी करता था इनके जज्बे को सलाम

उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार में ‘‘अस्थिरता’’ का सवाल ही पैदा नहीं होता है. स्थिर सरकार चलाने के लिए उनके पास ‘‘पर्याप्त संख्या बल’’ है. कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस - जेडीएस को बीजेपी से विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की जरूरत नहीं है, हमारे पास पर्याप्त संख्या बल है. उन्होंने कहा कि किस बीजेपी विधायक के नाम किस रिजॉर्ट में कमरे आरक्षित थे, कितने कमरे आरक्षित थे. वे कांग्रेस - जेडीएस के कितने विधायकों को लालच दे रहे थे और साथ ले जाने का प्रयास कर रहे थे... क्या मेरे पास सूचना नहीं है. उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार को 120 विधायकों का समर्थन हासिल .

कुमारस्वामी ने कहा कि मैंने मीडिया में खबर देखी (ऑपरेशन कमल के बारे में). आज भी मैंने खबर देखी कि 17 जनवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम कि मीडिया को कौन इस तरह की खबरें दे रहा है... खबर देखकर मैं आश्चर्यचकित था. जल संसाधन मंत्री डी. के. शिवकुमार के इस दावे के बारे में पूछने पर कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई में डेरा डाले हुए हैं, कुमारस्वामी ने कहा कि वह उन विधायकों के नियमित संपर्क में हैं. शिवकुमार ने दावा किया था कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं और बीजेपी के कुछ नेताओं के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार सुबह साढ़े सात बजे मैंने उनसे बात की. वे निजी कारणों से गए हुए हैं और इसमें राजनीति करने की जरूरत नहीं है.

शिवकुमार ने रविवार को कहा था कि बीजेपी का ‘ऑपरेशन कमल’ यथार्थ है. उन्होंने आरोप लगाए कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई के एक होटल में रूके हुए हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि सत्तारूढ़ गठबंधन का कोई भी विधायक भगवा दल में नहीं जाएगा. यह भी पढ़ें- भारत-चीन बॉर्डर को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, युद्ध की स्थिति में सेना के तुरंत पहुंचने के लिए होगा 44 सड़कों का निर्माण

दरअसल, इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के छह से आठ विधायक बीजेपी के साथ जाने के लिए तैयार हैं और कुछ विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. बता दें कि 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी के 104 विधायक, कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37, बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं. बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय विधायक गठबंधन सरकार का समर्थन कर रहे हैं.

मीडिया में इस तरह की खबर आई थी कि कांग्रेस विधायक बीजेपी में जाने के लिए तैयार हैं और कुछ विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है जिसके बाद सरकार को खतरे की संभावना के कयास लगाए जाने लगे थे. ‘ऑपरेशन कमल’ का जिक्र 2008 में बीजेपी द्वारा विपक्ष के कई विधायकों का दल बदल करवाकर तत्कालीन बी. एस. येदियुरप्पा सरकार की स्थिरता सुनिश्चत कराने के लिए किया जाता है.

भाषा इनपुट

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