कर्नाटक: कांग्रेस-JDS गठबंधन पर मंडरा रहे हैं संकट के बादल, इस साल गिर सकती है सरकार
बता दें कि जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष ए एच विश्वनाथ और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक-दूसरे पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने के आरोप लगा चुके हैं. वहीं लोकसभा चुनाव परिणाम आने के दो दिन पहले 21 मई को कांग्रेस नेता रोशन बेग ने कहा था मुसलमान जरूरत पड़ने पर बीजेपी से हाथ मिला लें.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में मिली हार के बाद अब कर्नाटक की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. सियासी गहमागहमी उस वक्त तेज हो गई जब बीजेपी नेता मुरलीधर राव ने इशारा किया है कि इस साल के आखिर तक कर्नाटक सरकार गिर सकती है. बीजेपी पिछले एक साल से लगातार कहती आ रही है कि गठबंधन सरकार स्थिर नहीं है, यह नहीं टिक पाएगी और बनी नहीं रहेगी. वहीं प्रदेश जेडीएस अध्यक्ष एएच विश्वनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
बता दें कि जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष ए एच विश्वनाथ और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक-दूसरे पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने के आरोप लगा चुके हैं. वहीं लोकसभा चुनाव परिणाम आने के दो दिन पहले 21 मई को कांग्रेस नेता रोशन बेग ने कहा था मुसलमान जरूरत पड़ने पर बीजेपी से हाथ मिला लें. कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं जिसमें भाजपा ने 25 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस और भाजपा के हिस्से में एक एक सीट आयी है.
H. Vishwanath announces his resignation from the post of Janata Dal (Secular), JDS Karnataka president. (File pic) pic.twitter.com/CniCO5fSDk
— ANI (@ANI) June 4, 2019
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गौरतलब हो कि बीजेपी ने प्रदेश में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में 104 सीटें जीती थीं और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के साथ हुए उपचुनावों में उन्होंने एक और सीट जीत ली. विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 117 सदस्य हैं - जिनमें कांग्रेस के 78, जद (एस) के 37, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक और एक निर्दलीय शामिल है.