कर्नाटक में सियासी ड्रामा जारी, बीजेपी-कांग्रेस ने किया विधायकों की संख्या में सेंधमारी का दावा
कर्नाटक में जारी चुनावी घमासान के बीच बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टिया लगातार एक-दुसरे के विधायकों की संख्या में सेंध लगाने का दावा कर रही है. हालांकि दोनों ही पार्टिया सभी दावों को नकार भी रही है.
नई दिल्ली: कर्नाटक में मचे चुनावी घमासान के बीच बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टिया लगातार एक-दुसरे के विधायकों की संख्या में सेंध लगाने का दावा कर रही है. हालांकि दोनों ही पार्टिया सभी दावों को नकार भी रही है. बता दें की कर्नाटक में बहुमत से 8 सीट कम जीतने वाली बीजेपी को शनिवार को ही बहुमत सिद्ध करना होगा.
खबरों के मुताबिक कांग्रेस के खेमे से विधायक गायब है. पार्टी के तीन विधायक आनंद सिंह, प्रतापगौड़ा पाटिल और नागेंद्र, कांग्रेस और जेडीएस नेताओं के संपर्क से बाहर हैं. उनका कोई पता नहीं है. ऐसे में माना जा राह है कि अगर ये बीजेपी के संपर्क में आते हैं तो उनकी राह आसान हो सकती है.
वहीँ दूसरी ओर कांग्रेस-जेडीएस भी बीजेपी विधायको की संख्या को कम करने में जुटी हुई है. कांग्रेस की ओर से कई बार बयान जारी कर बीजेपी विधायको के संपर्क में होने की बात कबूली गई. इस संबंध में बीजेपी के एक विधायक प्रीतम गौड़ा से कथित तौर कांग्रेस और जेडीएस ने संपर्क किया है. एक चैनल से बात करते हुए उन्होंने इस बात से साफ इनकार किया और कहा कि वह अपने दल के लिए उतने ही प्रतिबद्ध हैं जितने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह.
इस बीच कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस ने अपने सभी विधायकों को बीजेपी की पहुंच से दूर रखने के लिए तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है. जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा, "हमें सावधानी बरतनी होगी. विधायकों की खरीद-फरोख्त रोकने के लिए दोनों पार्टियों के विधायकों एक साथ ले जाया जा रहा है. सभी विधायको को बस से हैदराबाद ले जाया गया." कांग्रेस की माने तो बीजेपी 100-200 करोड़ रुपये में उसके विधायकों की खरीद-फरोख्त करना चाहती है.
बता दें की विधायक दल के नेता येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता देने के राज्यपाल के निर्णय को आज सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए येदियुरप्पा सरकार को कल शाम 4 बजे बहुमत साबित करने के लिए कहा है. हालांकि, बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने सोमवार तक का समय मांगा था. जिसे कोर्ट ने मानने से इंकार कर दिया.
शीर्ष अदालत का यह फैसला येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद आया है. राज्य विधानसभा की 222 सीटों के लिए 12 मई को हुए चुनाव में भाजपा को 104 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 78 व जेडीएस को 37 सीटें मिली हैं. कांग्रेस और जेडीएस ने चुनाव बाद गठबंधन किया है.