कर्नाटक विधानसभा चुनाव: 'तेर्दल' में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर

तेर्दल उत्तरी कर्नाटक के बागलकोट जिले का हिस्सा है. निर्वाचन क्षेत्र में कुल 2,16,384 मतदाता हैं जिनमें पुरुष मतादाताओं की संख्या 1,08,537 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,07,757 है.

औपनिवेशिक भारत में तेर्दल को महाराष्ट्र के सांगली प्रांत के तहत वर्गीकृत किया गया था (File Photo)

नई दिल्ली: देश की संसद में महिला सशक्तीकरण की बातों का ढिंढोरा पिछले कई सालों से पीटा जा रहा है लेकिन इसका असर विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं पर पड़ता नहीं दिखाई दिया. पिछले कर्नाटक विधानसभा चुनावों में केवल तीन महिलाएं विधानसभाओं में पहुंची थीं, जिनमें से एक उमाश्री वर्तमान राज्य सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संभाल रही हैं. उमाश्री एक बार फिर से आगामी विधानसभा में तेर्दल निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में हैं.

कर्नाटक विधानसभा सीट संख्या-20 तेर्दल निर्वाचन क्षेत्र. तेर्दल उत्तरी कर्नाटक के बागलकोट जिले का हिस्सा है. निर्वाचन क्षेत्र में कुल 2,16,384 मतदाता हैं जिनमें पुरुष मतादाताओं की संख्या 1,08,537 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,07,757 है. साथ ही इस बार 9 अन्य अपने वोट की चोट करेंगे. निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता लिंग अनुपात 99.21 है और अनुमानित साक्षरता दर 69 फीसदी है.

औपनिवेशिक भारत में तेर्दल को महाराष्ट्र के सांगली प्रांत के तहत वर्गीकृत किया गया था. 2008 में परिसीमन के बाद तेर्दल को रबाकावी तालुका के रूप में घोषित किया गया। तेर्दल ब्रिटिश युग की इमारतों के लिए राज्य भर में प्रसिद्ध है. साथ ही तेर्दल निर्वाचन क्षेत्र के सरकारी स्कूलों, पुराने पुलिस स्टेशनों और नगर परिषद की इमारतों में भारतीय-ब्रिटिश वास्तुकला का स्पर्श देखा जा सकता है.

बात करें क्षेत्रीय राजनीति की तो 2008 में परिसीमन के बाद हुए पहले चुनाव में तेर्दल के मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार सिड्डू सावादी को चुनकर विधानसभा भेजा था. सिड्डू ने अभिनेत्री से राजनेता बनी उमाश्री और कांग्रेस की उम्मीदवार को 12,244 वोटों के अंतर से हराया था. लेकिन 2013 विधानसभा चुनाव में उमाश्री ने 46.31 फीसदी वोट हासिल कर सिड्डू सावादी को हराया था। सावादी ने 44.6 प्रतिशत वोट हासिल किए थे.

सत्तारूढ़ कांग्रेस में महिला एवं बाल विकास मंत्री का पद संभाल रही उमाश्री भले ही राजनीति में नया नाम हो लेकिन उन्हें राज्य में एक प्रसिद्ध अभिनेत्री के रूप में जाना जाता है. उमाश्री कन्नड़ भाषा में 400 से अधिक फिल्मों में काम कर चुकी हैं। उन्हें विशेष रूप से हास्य भूमिकाओं के लिए लोगों के बीच जाना जाता है. 2008 में आई कन्नड़ फिल्म 'गुलाबी टॉकीज' में गुलाबी के किरदार के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था.

सामाजिक गतिविधियों में भाग लेनी वाली उमाश्री ने 2013 में तेर्दल निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और तत्कालीन भाजपा विधायक सिद्दू सावादी को मात देकर सिद्धारमैया सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री का पद संभाला. इसके साथ-साथ वह कन्नड़ और संस्कृति मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रही हैं.

इस दूरदराज शहर में चुनाव लड़ने के लिए उमाश्री ने एक लंबा सफर तय किया है. इस निर्वाचन क्षेत्र में देवांग समुदाय (कपड़े बुनने वाले) का मजबूत वोट बैंक है और उमाश्री भी इस समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. कांग्रेस ने उमाश्री की छवि, उनके कार्यो और क्षेत्रीय जाति समीकरणों के मद्देनजर एक बार फिर से उन्हें तेर्दल निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है.

वहीं विपक्षी भाजपा ने 2008 में यहां से जीत हासिल करने वाले सिड्डू सावादी को चुनाव मैदान में उतारा है. वह लगातार तीसरी बार उमाश्री के खिलाफ लड़ रहे हैं. भाजपा की राज्य इकाई के वरिष्ठ नेता सिड्डू सावादी इससे पहले 2004 और 1999 में जामखंडी से विधायक चुने गए थे.

एक दशक पहले तक राज्य में सत्ता पर काबिज रहा जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) 2018 चुनावों में अपने सिमटते अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. पार्टी ने बासाप्पा के. कोन्नूर को चुनाव मैदान में उतारा है. इसके अलावा कर्नाटक राज्य रयोता संघ ने गंगप्पा श्रीशैलप्पा मेती, ऑल इंडिया महिला एंपावरमेंट पार्टी ने जावेद इनामदार, इंडियन न्यू कांग्रेस पार्टी ने एम.एम नदफ, भारतीय जनशक्ति कांग्रेस ने पूजा मलप्पा, प्रजा परिवर्तन पार्टी ने प्रभाकर चलावड़ी, शिवसेना ने बस्वराज भीमप्पा गायकवाड़ को चुनाव मैदान में उतारा है. साथ ही एक निर्दलीय भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहा है.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पहले ही जनता दल-सेक्युलर को अपना समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है.

224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए राज्य में 56,696 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिसमें 4,96,82,357 (4.96 करोड़) मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर नई सरकार का चुनाव करेंगे. नई सरकार के लिए 12 मई को एक चरण में चुनाव होगा और वोटों की गिनती 15 मई को की जाएगी.

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