कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018: कांग्रेस ने घोषणा-पत्र में किया 1 करोड़ नौकरियां देने का वादा
कांग्रेस ने 47 पृष्ठों के घोषणा-पत्र को 'जनता का घोषणा-पत्र' कहा है

मंगलुरू| कर्नाटक में सत्ता में वापसी करने के प्रयास में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 12 मई को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणा-पत्र में दक्षिणी राज्य में एक करोड़ नौकरियां सृजित करने का वादा किया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने घोषणा-पत्र जारी करते हुए कहा, "हमारा मकसद राज्य में कम से कम 15 से 20 लाख रोजगार हर साल सृजित करने और कौशल विकास कार्यक्रम संचालित करने, उद्यमशीलता को प्रोत्साहन व युवाओं की रोजगार हिस्सेदारी में वृद्धि करना है."

कांग्रेस ने 47 पृष्ठों के घोषणा-पत्र को 'जनता का घोषणा-पत्र' बताते हुए कहा कि वह कर्नाटक को झोपड़ी मुक्त बनाना चाहते हैं और राज्य के ग्रामीण इलाकों में 50 लाख घरों का निर्माण करेंगे. घोषणा-पत्र में कहा गया है, "हम शहरी आवास की चुनौती को लेकर प्रतिबद्ध हैं और राज्य के लोगों के लिए 15 लाख घर (हर साल तीन लाख घर) बनाने का प्रस्ताव करते हैं."

सार्वभौमिक स्वास्थ्य योजना 'आरोग्य कर्नाटक' को लागू करने वाला देश का पहला राज्य होने का दावा करते हुए कांग्रेस ने कहा कि स्वास्थ्य के मौजूदा बजट 0.9 फीसदी को बढ़ाकर 1.5 फीसदी किया जाएगा. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दो मार्च को राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य योजना की शुरुआत की थी, जिससे 1.43 करोड़ परिवारों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है. इससे गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के सभी परिवारों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलेगा.

पार्टी ने कक्षा एक से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को राज्य के सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा देने का वादा किया है. वर्तमान में राज्य में सरकारी व वित्तीय सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक सभी बच्चों को मुफ्त में प्राथमिक शिक्षा मिलती है.

लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत सिद्धारमैया ने 16 फरवरी को राज्य का बजट पेश करते हुए कहा था कि सभी लड़कियों को सरकारी संस्थानों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा मुफ्त दी जाएगी. घोषणा-पत्र में कहा गया है कि सभी कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन दिया जाएगा.

सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) को राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा बनाया जाएगा, और इसके लिए इस क्षेत्र में मौजूदा 60 अरब डॉलर के योगदान को बढ़ाकर 300 अरब डॉलर किया जाएगा.