बेंगलुरु. कर्नाटक के 15 विधानसभा क्षेत्रों में आज होने वाले उपचुनाव की तैयारी पूरी हो गई है. आज सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे. इसके साथ ही उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे. इन उपचुनाव परिणामों का इंतजार राज्य के सभी प्रमुख दलों को है क्योंकि इससे ही यह पता चलेगा कि कर्नाटक में चार महीने पुरानी बीजेपी सरकार टिकी रहेगी या फिर गिर जाएगी.हालांकि, राजनीतिक दलों को उपचुनाव में कम मतदान होने की संभावना है. भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (स्पीकर सहित) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हो रहे हैं) में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत है. हालांकि, अब भी मास्की और आर आर नगर सीटें रिक्त रहेंगी.
वही दूसरी तरफ कांग्रेस ने बीजेपी पर एक बड़ा आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी उपचुनावों में अपनी सफलता को लेकर निश्चित नहीं है, इसलिए बीजेपी एक बार फिर ऑपरेशन लोटस चलाने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही कांग्रेस का यह भी दावा है कि बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अयोग्य विधायकों ने उस पार्टी में लौटने का प्रयास किया है, जहां से वे पहले हारे थे. यह भी पढ़े-कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव 2019: 15 सीटों पर कल कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच डाले जाएंगे वोट
अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। कुल 37.78 लाख मतदाता मतदान के लिये योग्य हैं. इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं. ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिये हो रहे हैं. इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे. इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ.
विधानसभा में अभी भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जद (एस) के 34 विधायक हैं. बसपा के भी एक विधायक हैं. इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और स्पीकर हैं. अयोग्य करार दिए गए 13 विधायकों को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. उपचुनाव लड़ने के लिए उच्चतम न्यायालय से इजाजत मिलने के बाद पिछले महीने वे भाजपा में शामिल हो गए थे.
बृहस्पतिवार को जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जद (एस) का कब्जा है. भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि किसी भी उपचुनाव में मतदान प्रतिशत कम होता है. कांग्रेस के भी एक पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षण के मुताबिक मतदान प्रतिशत कम रहने की उम्मीद है। लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को होगा.
(भाषा इनपुट के साथ)