RSS Attacks BJP: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद से ऐसा लग रहा है कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) में सबकुछ ठीक नहीं है. दरअसल, संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने बिना नाम लिए भाजपा अहंकारी और इंडिया गठबंधन को राम विरोधी बताया है. इंद्रेश कुमार राजस्थान के जयपुर में आयोजित 'रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन' समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. यहां उन्होंने कहा कि राम सबके साथ न्याय करते हैं.
''2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए. जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अंहकार आ गया. उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी बना दिया. लेकिन जो उसको पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी.''
संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने बिना नाम लिए भाजपा को बताया अहंकारी
Senior ideologue of the RSS says those who were arrogant were stopped at 241, taking on the BJP
Indresh Kumar below pic.twitter.com/uudyhktHUd
— Sneha Mordani (@snehamordani) June 14, 2024
भगवान का न्याय सच्चा और आनंददायक होता है: इंद्रेश कुमार
इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी. उनमें से किसी को भी शक्ति नहीं दी. सब मिलकर भी नंबर-1 नहीं बने. नंबर-2 पर खड़े रह गए. इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है. भगवान का न्याय सच्चा और आनंददायक होता है. जो लोग उनकी पूजा करते हैं, उनको विनम्र होना चाहिए और जो लोग विरोध करते हैं, भगवान उनसे स्वयं निपटते हैं.
विपक्ष को विरोधी के बजाय प्रतिपक्ष कहिए: मोहन भागवत
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) की तरफ से बीजेपी को आईना दिखाया गया हो. इससे पहले बीते सोमवार को नागपुर में आरएसएस प्रशिक्षुओं की एक सभा को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अगर कोई आपसे सहमत नहीं है, तो उसे विरोधी कहना बंद कीजिए. विरोधी के बजाय प्रतिपक्ष कहिए. एक पक्ष होगा और उसके सामने अपनी बात रखने वाला प्रतिपक्ष होगा. संसद में किसी भी सवाल पर दोनों पहलू सामने आएं, इसके लिए इस तरह की व्यवस्था की गई है.
'मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा'
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इस बार भी हमने अपने लोकमत जागरण का काम किया है. वास्तविक सेवक मर्यादा का पालन करते हुए चलता है. अपने कर्तव्य को कुशलता पूर्वक करना आवश्यक है." भागवत ने कहा, "काम करें, लेकिन इसे मैंने करके दिखाया... इसका अहंकार हमें नहीं पालना चाहिए. जो ऐसा करता है. वही असली सेवक है. 10 साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है. मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा. चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है.