इंदौर लोकसभा सीट: 30 साल से खिल रहा है कमल, इस बार बीजेपी के शंकर लालवानी और कांग्रेस के पंकज संघवी के बीच है मुकाबला
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के लिए प्रचार अभियान शुक्रवार शाम पांच बजे थम जाएगा. इससे पहले सभी चुनावी पार्टियां पूरे दमखम के साथ वोटरों को लुभाने में जुटी हुई है.
भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के अंतिम चरण के लिए प्रचार अभियान शुक्रवार शाम पांच बजे थम जाएगा. इससे पहले सभी चुनावी पार्टियां पूरे दमखम के साथ वोटरों को लुभाने में जुटी हुई है. अंतिम चरण में सूबे की आठ सीटों पर मतदान होगा. जबकि वोटो की गिनती 23 मई को होगी. इसमें से एक इंदौर (Indore) लोकसभा क्षेत्र भी है. इस सीट पर पिछले 30 साल से बीजेपी का कब्जा रहा है.
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (76) इंदौर से वर्ष 1989 से 2014 के बीच लगातार आठ बार चुनाव जीत चुकी हैं. लेकिन 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने के फैसले के कारण बीजेपी ने इस बार इंदौर से अपना उम्मीदवार बदल दिया. इंदौर संसदीय सीट से बीजेपी ने इस बार पार्टी के स्थानीय नेता शंकर लालवानी (57) को महाजन का चुनावी उत्तराधिकारी बनाते हुए टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस ने पंकज संघवी को चुनावी मैदान में उतारा है.
इंदौर का 2014 में हाल-
सुमित्रा महाजन (बीजेपी)- 8 लाख 54 हजार 972 वोट
सत्यनारायण पटेल (कांग्रेस)- 3 लाख 88 हजार 071 वोट
इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के पूर्व चेयरमैन और इंदौर नगर निगम के पूर्व सभापति लालवानी अपने राजनीतिक करियर का पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उधर पंकज इससे पहले किसी बड़े चुनाव में जीत दर्ज नहीं कर सके हैं. साल 1998 में सुमित्रा महाजन (440047 वोट) ने पंकज (390195 वोट) को शिकस्त दी थी. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भी जड़ें बहुत मजबूत मानी जाती हैं.