नई दिल्ली, 9 दिसंबर: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के मुताबिक मंगलवार को भारत बंद के दौरान उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया. केजरीवाल के कैबिनेट सहयोगियों ने पुलिस पर मुख्यमंत्री को हाउस अरेस्ट करने का आरोप लगाया है. मंगलवार शाम मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा कि वह घर से बाहर निकल कर किसानों के बीच जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया गया. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "वे नहीं चाहते थे कि मैं किसी भी तरह से बाहर जाऊं और किसानों के बीच जाकर उनका समर्थन करूं."
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मैं मुख्यमंत्री बन कर नहीं, बल्कि एक आम आदमी बन कर सिंघु बॉर्डर पर जाकर आधा-पौना घंटा किसानों के साथ बैठ कर वापस आना चाहता था, लेकिन मुझे जाने नहीं दिया गया. केंद्र सरकार ने दिल्ली के 9 स्टेडियम को जेल बनाने की अनुमति मांगी थी और दबाव भी बनाया था, लेकिन मैंने इनकार कर दिया. तभी से केंद्र सरकार बहुत ज्यादा नाराज है."
मुख्यमंत्री ने कहा, "आज मेरा भी मन था और मैंने भी योजना बना रखी थी कि आज मैं थोड़ी देर के लिए मुख्यमंत्री बन कर नहीं, बल्कि एक आम आदमी बनकर बॉर्डर पर जाऊंगा. आधा-पौना घंटा अपना उनको समर्थन देने के लिए और एकजुटता जाहिर करने के लिए एक आम आदमी की तरह उनके साथ बैठूंगा और वापस आ जाऊंगा. मुझे लगता है कि उनको शायद मेरी योजना पता चल गई थी. इसलिए आज उन्होंने मुझे जाने तो नहीं दिया."
मुख्यमंत्री ने कहा कि, "मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द किसानों की सारी मांगे मानेगी और एमएसपी पर कानून बनाएगी, ताकि हमारे किसानों को कड़ाके की ठंड में और ज्यादा नहीं बैठना पड़े. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को राजनीति से ऊपर उठकर किसानों की मदद करनी है और बिल्कुल सेवा भाव से जब तक किसान बैठे हैं, तब तक उनकी सेवा करनी है."
आम आदमी पार्टी के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूरे दिन की मशक्कत के बाद देर शाम पार्टी नेताओं से मिले. इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के नेताओं और वालेंटियर्स को संबोधित किया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि सारा देश एक साथ किसानों की इन मांगों के समर्थन में एकजुट हो गया है. एक तरफ से एकता आ गई है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "कुछ दिन पहले हमारे पास केंद्र सरकार का प्रस्ताव आया था. जब देश भर से किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे थे, तो पहले इन्होंने हरियाणा के एक-एक शहर में किसानों को रोकने की कोशिश की. इसके लिए बैरिकेड लगाए गए, पानी की बौछारें छोड़ी गईं और आंसू गैस के गोले भी छोड़े, लेकिन हमारे किसान भाई सारी अड़चनों को पार करके दिल्ली पहुंच गए. इन्होंने फिर योजना बनाई कि किसानों को दिल्ली में आने देंगे और इन्होंने दिल्ली में 9 स्टेडियमों को जेल में परिवर्तित करने की अनुमति मांगी."
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "मुझे पता था कि अगर आज हमने केंद्र सरकार को स्टेडियमों को जेल बनाने की इजाजत दे दी और अगर इन्होंने सारे किसानों को स्टेडियमों की जेल में बंद कर दिया, तो हमारे किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा. हमारे ऊपर खूब तरह-तरह का दबाव आए, कई फोन आए, लेकिन हमने ठान ली थी कि हम किसानों के साथ हैं."