हश मनी केस: क्या दोषी पाए जाने पर चुनाव नहीं लड़ पाएंगे ट्रंप?

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ हश मनी ट्रायल में वकीलों की दलीलें पूरी हो गईं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ हश मनी ट्रायल में वकीलों की दलीलें पूरी हो गईं. अब जूरी फैसले पर विचार कर रही है. क्या है पूरा मामला? ट्रंप पर क्या आरोप हैं? इससे ट्रंप की चुनावी दावेदारी पर असर पड़ेगा?अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ चल रहे हश मनी केस में वकीलों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं. 28 मई को ज्यूरी के सदस्यों ने करीब आठ घंटे तक दोनों पक्षों के वकीलों की आखिरी दलीलें सुनीं. ट्रंप के अटॉर्नी टॉड ब्लॉंश ने अपनी दलील खत्म करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं. ब्लॉंश ने दोहराया, "अदालत में जो सबूत रखे गए, अगर आप केवल उन पर ही ध्यान दें, तो यह फैसला बहुत आसान है कि वह दोषी नहीं हैं."

अब जूरी विचार कर रही है कि इस मामले में ट्रंप को दोषी माना जाना चाहिए या नहीं. न्यायिक प्रक्रिया में इसे "जूरी डेलिब्रेशंस" कहा जाता है. इसमें केस से जुड़े कानूनों पर जज की ओर से निर्देश मिलने के बाद जूरी पैनल विचार कर रही है कि वे ट्रंप के निर्दोष होने या दोषी होने की समीक्षा करते हुए किन तथ्यों और गवाहियों को शामिल कर सकते हैं.

यह केस 2016 में वयस्क फिल्मों की कलाकार स्टॉर्मी डैनियल्स को किए गए "हश मनी" भुगतान से जुड़ा है. हश मनी से तात्पर्य ऐसे भुगतान से है, जो किसी को कोई बात गुप्त रखने के बदले किया जाता है.

क्या है पूरा मामला?

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, अगस्त 2015 में ट्रंप कारोबारी डेविड पेकर से मिले थे. पेकर उस वक्त अमेरिकन मीडिया इनकॉरपोरेशन के सीईओ थे. इस मुलाकात में पेकर ने ट्रंप के चुनाव अभियान में मदद करने पर रजामंदी दी और कहा कि अगर ट्रंप के खिलाफ कोई नकारात्मक खबर आई, तो पेकर उसकी जानकारी माइकल कोएन को देंगे. कोएन लंबे समय तक ट्रंप के अटॉर्नी रहे थे और ट्रंप के निजी सलाहकार भी थे. अब यही कोएन ट्रंप पर चल रहे मुकदमे में अभियोजन पक्ष के मुख्य गवाह हैं.

प्रॉसिक्यूशन के मुताबिक, सितंबर 2016 में ट्रंप ने कोएन के साथ डेढ़ लाख डॉलर के हश मनी भुगतान के बारे में बात की थी, जो संभावित तौर पर पूर्व प्लेबॉय मॉडल कैरेन मैकडूगल को दी जानी थी. कोएन ने यह बातचीत रिकॉर्ड कर ली. मैकडूगल का दावा था कि 2006 में उनका ट्रंप के साथ अफेयर था.

इसके बाद अक्टूबर 2016 में कोएन ने एक शेल कंपनी के मार्फत स्टॉर्मी डेनियल्स को 1,30,000 डॉलर का भुगतान किया, ताकि वह कथित तौर पर ट्रंप के साथ अपने संबंध की बात गोपनीय रखें, इसे सार्वजनिक ना करें. नवंबर 2016 में चुनाव जीतकर ट्रंप राष्ट्रपति बने. जनवरी 2018 में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने डेनियल्स से जुड़े हश मनी भुगतान पर खबर छापी. फिर जब मीडिया ने सवाल उठाए कि क्या ट्रंप को जानकारी थी कि कोएन ने डेनियल्स को हश मनी दी है, तो राष्ट्रपति रहे ट्रंप ने इससे इनकार किया था.

अगस्त 2018 में कोएन ने "फेडरल कैंपेन फाइनेंस लॉ" के उल्लंघन के तहत कैंपेन में गैरकानूनी तरीके से योगदान करने के लिए मैनहैटन की अदालत में अपनी गलती मानी. कोएन ने कहा कि ट्रंप सीधे-सीधे इस योजना में शामिल थे और ट्रंप की तरफ से ही उन्होंने डेनियल्स को भुगतान किया. कोएन के मुताबिक, इसके पीछे मुख्य तौर पर "चुनाव को प्रभावित करने की मंशा थी."

कोएन को तीन साल की कैद हुई. इसके बाद ही मैनहैटन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के दफ्तर ने हश मनी के इस मामले में जांच शुरू की. जनवरी 2023 में मैनहैटन के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एल्विन ब्रैग ने हश मनी केस में ट्रंप के विरुद्ध एक ग्रैंड जूरी का गठन किया. मार्च 2023 में ग्रैंड जूरी ने ट्रंप पर आधिकारिक रूप से आरोप तय किए.

अप्रैल में ट्रंप ने न्यूयॉर्क की अदालत के आगे आत्मसर्मपण किया और खुद को निर्दोष बताया. वह बिजनस रिकॉर्ड्स में हेरफेर से जुड़े 34 फेलनी काउंट्स का सामना कर रहे हैं. अमेरिकी कानून में फेलनी ऐसे गंभीर अपराधों को कहा जाता है, जिनमें एक साल या इससे लंबी जेल हो सकती है.

अभी क्या हो रहा है?

28 मई को दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलील खत्म की. अभियोजन पक्ष का आरोप है कि 'हश मनी' भुगतान की असलियत छिपाने के लिए इन्हें हिसाब-किताब में बतौर "कानूनी खर्च" दर्ज किया गया. केवल बिजनेस रिकॉर्ड्स में हेरफेर करना न्यूयॉर्क में उतना गंभीर अपराध नहीं है. ट्रंप के मामले में स्थितियां इसलिए ज्यादा गंभीर हैं, क्योंकि उन पर रिकॉर्ड्स में गड़बड़ करने के अलावा कथित तौर पर 2016 के चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश का भी आरोप है.

अभियोजन पक्ष का दावा है कि इस मामले में चुनाव से जुड़े कानूनों का उल्लंघन और टैक्स फ्रॉड भी लागू होते हैं.

अभियोजन पक्ष की ओर से जॉशुआ स्टाइनग्लास ने आरोप लगाया कि ट्रंप ने ऐसी खबरों को दबाया, जो 2016 में राष्ट्रपति पद की उनकी दावेदारी पर कलम फेर सकती थीं. इसे "कैच एंड किल" योजना बताते हुए श्टाइनग्लास ने ट्रंप पर मतदाताओं को धोखा देने का इल्जाम लगाया. वहीं बचाव पक्ष ने ट्रंप को बरी किए जाने की अपील करते हुए कोएन को "सबसे बड़ा झूठा" बताया.

ट्रंप को अपराधी ठहराने के लिए अभियोजन पक्ष पर जूरी सदस्यों के सामने यह साबित करने की जिम्मेदारी थी कि ट्रंप ने ना केवल बिजनेस रिकॉर्ड्स में गड़बड़ की, बल्कि ऐसा करने के पीछे उनकी मंशा अपराध करना या किसी अपराध को छिपाना था. वहीं ट्रंप को बचाने के लिए जरूरी था कि बचाव पक्ष जूरी पैनल के कम-से-कम एक सदस्य को यकीन दिला दे कि अभियोजन पक्ष पूरी तरह से अपने आरोप साबित नहीं कर सका.

क्या चुनाव लड़ सकेंगे ट्रंप?

जूरी पैनल में 12 सदस्य हैं. उसे सर्वसम्मति से फैसला लेना है. अगर कई दिनों तक आपसी विमर्श के बाद भी पैनल में एकराय नहीं बन सकी, तो जज इस मुकदमे को मिसट्रायल घोषित कर सकते हैं. ऐसे में नई जूरी के साथ नया ट्रायल शुरू हो सकता है.

अगर ट्रंप दोषी पाए जाते हैं, तो भी जरूरी नहीं कि सजा के तौर पर उन्हें जेल जाना ही पड़े. उनके आगे इस फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प होगा. साथ ही, जानकारों के मुताबिक वह चुनाव भी लड़ सकेंगे. हालांकि, दोषी पाए जाने पर राष्ट्रपति चुनाव में उनकी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है.

एसएम/वीएस (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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