कोलकाता: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (HM Amit Shah) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में (West Bengal) वर्चुअल रैली की. अपने भाषण में अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को सीएए, राजनीतिक हिंसा और केंद्र की योजनाएं लागू न करने जैसे कई अहम मुद्दों पर घेरा. साथ ही अमित शाह ने ममता बनर्जी की सत्ता खिसकने का भी आह्वान किया. अमित शाह ने अपने भाषण के अंत शायराना अंदाज में बंगाल में परिवर्तन का विश्वास जताया. उन्होंने कहा, सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 2014 से पश्चिम बंगाल में 100 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं ने यहां राजनीतिक लड़ाई में अपनी जान गंवा दी. मैं उनके परिवारों को सम्मान देता हूं क्योंकि उन्होंने सोनार बांग्ला के विकास में योगदान दिया है. शाह ने कहा, मैं बंगाल की जनता को ये कहना चाहता हूं कि भले ही बीजेपी को 303 सीटें देशभर से मिली है. लेकिन मेरे जैसे कार्यकर्ता के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीटे हैं बंगाल की 18 सीटों पर बीजेपी की विजय है.
गृह मंत्री का सीएम ममता बनर्जी पर निशाना-
#WATCH Mamata ji aap hamara hisaab maangti ho,main toh hisaab lekar aaya hun.Aap kal ek press conference karke apne 10 saal ka hissab dijiyega aur dhyan se dijiyega kahin bomb dhamako ki sankhya mat bata dijiyega,BJP ke maar diye karyakartaon ki sankhya mat de dijiyega: Amit Shah pic.twitter.com/1QPhOTOn8S
— ANI (@ANI) June 9, 2020
अमित शाह ने कहा, मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि BJP सिर्फआंदोलन करने के लिए बंगाल के मैदान में नहीं आई है, BJPसिर्फ राजनीतिक दल के विस्तार लिए नहीं आई है, बीजेपी बंगाल के अंदर हमारी संगठन नीव को मजबूत तो करना चाहती ही है लेकिन बीजेपी फिर से बंगाल को संस्कारिक बंगाल बनाना चाहती है.
अमित शाह ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ममता जी, क्या बंगाल के गरीब लोगों को मुफ्त और अच्छी वाली चिकित्सा सहायता प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं है? आयुष्मान भारत योजना को यहां अनुमति क्यों नहीं है? ममता जी, गरीबों के अधिकारों पर राजनीति करना बंद करें. आप कई अन्य मुद्दों पर राजनीति कर सकती हैं.
अमित शाह देशभर ने आयुष्मान भारत योजना को स्वीकार लिया. अंत में केजरीवाल जी ने भी आयुष्मान भारत योजना को स्वीकार कर लिया. लेकिन आप क्यों नहीं स्वीकार रही हो ये बंगाल की जनता आपसे पूछना चाहती है. अमित शाह ने कहा, 'यूपीए ने 10 साल में एक बार 3.5 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ किया, लेकिन आंकड़े कुछ और है. मोदी जी ने 9.5 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में 72 हजार करोड़ रुपये पहुंचाने का काम किया है और हर साल किसान को 6 हजार रुपया पहुंचाया जा रहा है.
गृह मंत्री ने कहा, 'ममता दी आप हमारा हिसाब मांगती हो, मैं तो हिसाब लेकर आया हूं. आप कल एक प्रेस कांफ्रेंस करके अपने 10 साल का हिसाब दीजिएगा और ध्यान से दीजिएगा कहीं बम धमाकों या बंद हुई फैक्टरियों की संख्या मत बता दीजिएगा, BJP के मार दिए कार्यकर्ताओं की संख्या मत बता दीजिएगा."
अमित शाह ने अपने भाषण के अंत में मशहूर कवि दुष्यंत कुमार की कविता पढ़कर बंगाल में परिवर्तन का आह्वान किया. अमित शाह ने कविता पढ़ी, "हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए. सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए.