जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत तो दे दी लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई है. इस वजह से पूर्व सांसद अभी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया. अपहरण और रंगदारी मामले में धनंजय सिंह को 7 साल की सजा हुई थी. धनंजय सिंह ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी जौनपुर सीट से बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार हैं. इससे पहले शनिवार को सुबह आठ बजे धनंजय को जौनपुर जिला जेल से बरेली जेल शिफ्ट किया गया. धनंजय छह मार्च से जौनपुर के जिला कारागार में बंद थे.
जौनपुर की सांसद-विधायक अदालत ने छह मार्च 2024 को पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को 2020 के एक मामले में सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. यह मामला जल निगम के अधिकारी अभिनव सिंघल के अपहरण और फिरौती से जुड़ा है. सिंघल उस समय नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक के तौर पर तैनात थे.
प्रयागराज - पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जमानत मंजूर
➡इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धनंजय को जमानत दी
➡धनंजय सिंह की अपील पर हाईकोर्ट का फैसला
➡हाईकोर्ट ने 7 साल की सजा को बरकरार रखा है
➡जौनपुर की MP/MLA कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी
➡सजा को रद्द करने की मांग कोर्ट ने खारिज की… pic.twitter.com/ZbabCLosl7
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) April 27, 2024
धनंजय सिंह और उनके साथी के खिलाफ 2020 में जौनपुर जिले के लाइन बाजार पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 364 (अपहरण), 386 (फिरौती), 506 (आपराधिक धमकी), 120-बी (षड़यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया था.