हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: खेमेबाजी में बंटी कांग्रेस और कमजोर INLD से बीजेपी को होगा फायदा, आसान होगी खट्टर की सत्ता में वापसी!
हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने में महज दो सप्ताह रह गए हैं. ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के साथ हरियाणा में भी विधानसभा चुनावों के लिए 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे. बहरहाल, हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को आसानी से सत्ता में वापसी की उम्मीद नजर आ रही है.
Haryana Assembly Elections 2019: हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने में महज दो सप्ताह रह गए हैं. ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के साथ हरियाणा में भी विधानसभा चुनावों के लिए 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे. बहरहाल, हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को आसानी से सत्ता में वापसी की उम्मीद नजर आ रही है. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने इस बार 'मिशन 75' का लक्ष्य रखा है. बता दें कि हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने हरियाणा के सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया था.
बीजेपी की प्रचंड जीत और बढ़ते दबदबे को देख पिछले पांच सालों में विपक्षी पार्टियों के 19 विधायकों ने 'भगवा पार्टी' का दामन थाम लिया है. बीजेपी के लिए 'मिशन 75' का लक्ष्य ज्यादा मुश्किल नहीं है. पिछले पांच सालों में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के 17 बागी विधायकों, कांग्रेस के दो बागी विधायकों और एक निर्दलीय विधायक की मदद से बीजेपी ने अपने विधायकों की संख्या 67 कर ली है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला का कहना है कि हरियाणा में अब कोई विपक्ष नहीं बचा है. बीजेपी सभी सीटों पर मजबूत है. यह भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: दलबदलुओं की 'फौज' बीजेपी के लिए बनी सिरदर्द.
उधर, कांग्रेस के खेमे में भी अंदरूनी कलह बढ़ गया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अशोक तंवर ने दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास के बाहर बुधवार को प्रदर्शन किया था. उन्होंने हरियाणा में टिकट बंटवारे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. शनिवार को तंवर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उल्लेखनीय है कि चुनाव के कुछ सप्ताह पहले तंवर को हटा कर कुमारी शैलजा को पार्टी की राज्य इकाई का प्रमुख बनाया गया और उनके प्रतिद्वंद्वी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता बनाए गए.
वहींं, पांच साल पहले 19 विधायकों के साथ हरियाणा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने वाली आईएनएलडी को बागियों के कारण मुख्य विपक्षी पार्टी का तमगा खोना पड़ा. दरअसल, आईएनएलडी के 17 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. गौरतलब है कि पिछले साल चौटाला परिवार में दरार आ गई थी जिसकी वजह से आईएनएलडी में विभाजन हो गया था. अजय सिंह चौटाला और उनके बेटे व हिसार से पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी का गठन किया था.