कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- जम्मू कश्मीर पर गृह मंत्रालय के एडवाइजरी से लोग डरे हुए हैं

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा कल जारी की गई एडवाइजरी चिंताजनक है और पूरे देश के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर के लोग डरे हुए हैं. किसी भी सरकार ने कभी भी पर्यटकों को वापस जाने के लिए नहीं कहा. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इस तरह की बात कभी नहीं हुई. 3

गुलाम नबी आजाद (Photo Credits: ANI)

कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने शनिवार को कहा कि गृह मंत्रालय (Home Ministry) द्वारा कल जारी की गई एडवाइजरी (Advisory) चिंताजनक है और पूरे देश के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लोग डरे हुए हैं. किसी भी सरकार ने कभी भी पर्यटकों (Tourists) को वापस जाने के लिए नहीं कहा. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इस तरह की बात कभी नहीं हुई. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता कर्ण सिंह, जम्मू कश्मीर कांग्रेस की प्रभारी अंबिका सोनी, पी. चिदंबरम और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा मौजूद रहे.

इससे पहले शुक्रवार को जम्मू और कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के लिए जारी परामर्श और अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की पृष्ठभूमि में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस के जम्मू कश्मीर से संबंधित नीति नियोजन समूह की बैठक हुई जिसमें राज्य के हालात पर चिंता जताते हुए कहा गया कि इस प्रदेश को मिली संवैधानिक गारंटी बरकरार रखी जानी चाहिए.

कांग्रेस पार्टी के जम्मू-कश्मीर नीति नियोजन समूह की बैठक के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बयान में कहा था कि हालिया घटनाक्रमों से राज्य के लोगों में असुरक्षा और डर का माहौल पैदा हो रहा है. आजाद ने कहा था, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार की ओर से निरंतर आ रही रिपोर्ट को लेकर गहरी चिंता है. इनसे सरकार के इरादे को लेकर अफरा-तफरी और चिंता पैदा हो रही है.’ यह भी पढ़ें- गुलाम नबी आजाद ने कहा- भारत सरकार कोई भी ऐसा फैसला न ले जो जम्मू कश्मीर में गहरे संकट का कारण बने

आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच यह चिंता है कि सरकार अनुच्छेद 35ए और 370 को खत्म करने का इरादा रखती है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी के समूह ने यह मत भी जाहिर किया कि जम्मू-कश्मीर को दी गई संवैधानिक गारंटी बरकरार रखी जाए.

भाषा इनपुट

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