उत्तर प्रदेश के गाजीपुर (Ghazipur) में शनिवार को हिंसा के दौरान हुई कांस्टेबल सुरेश वत्स (Constable Suresh Vats) की मौत को लेकर अब यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं और इस मामले को लेकर राजनीति भी गरमाने लगी है. बता दें कि इस मामले में अब तक 32 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है, जबकि 60 अज्ञात लोगों के नाम भी इस एफआईआर में दर्ज किए गए हैं और अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार (Arrest) किया गया है. पथराव और हिंसा के इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है, तो वहीं रेलमंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कुछ तत्व माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रशासन चाहता तो गाजीपुर हिंसा को रोक सकता था, उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लॉ एंड ऑर्डर को बर्बाद कर दिया है. उन्होंने कहा कि योगी जी कहते हैं कि ठोक दो...ऐसे में कभी पुलिस को यह समझ नहीं आता है कि किसको ठोके और कभी जनता इस बात को नहीं समझ पाती है कि किसको ठोके, क्योंकि दोनों ही कंफ्यूज हैं.
Akhilesh Yadav, SP on Ghazipur stone pelting incident where a policeman died: Ye ghatna isliye ghati hai kyunki CM sadan mein ho ya manch pe ho unki ek hi bhasha hai ‘thok do’. Kabhi police ko nahi samjh aata kise 'thokna' hai kabhi janta ko nahi samajh aata kise 'thokna' hai. pic.twitter.com/0eQCbhGhJe
— ANI UP (@ANINewsUP) December 30, 2018
उधर, यूपी की कानून व्यवस्था पर पीयूष गोयल का कहना है कि लोग उनसे कहते हैं कि बदमाश सलाखों के पीछे रहना पसंद करते हैं और बाहर आने से डरते हैं, लेकिन इस तरह की स्थिति पहली बार देखी है. बुलंदशहर और गाजीपुर में जो घटनाएं हुई हैं वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. कुछ तत्व माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
Piyush Goyal on UP law & order: People tell me miscreants prefer to stay behind bars, they are afraid of coming out. This kind of situation has been seen for first time. It's unfortunate that Bulandshahr&Ghazipur incidents happened, some elements are trying to disturb environment pic.twitter.com/UQoYxTkdEB
— ANI (@ANI) December 30, 2018
दरअसल, शनिवार को गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद लौट रहे पुलिसकर्मियों ने बिना इजाजत धरना दे रहे और सड़क जाम कर रहे निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को हटाने की कोशिश की, जिसके बाद निषाद समाज के लोगों का गुस्सा फुट पड़ा और उन्होंने पथराव शुरु कर दिया. यह भी पढ़ें: गाजीपुर हिंसा: 32 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, पुलिस पर बरसे मृतक कांस्टेबल के बेटे, पथराव के दौरान हुई थी उनकी मौत
बता दें कि इस पथराव की चपेट में आने के कारण एक कांस्टेबल की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. हालांकि इस मामले में पुलिस ने अब तक 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जबकि 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और इसके साथ ही अन्य 19 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.