सवर्ण आरक्षण पर राज्यसभा में जोरदार बहस, AAP सांसद संजय सिंह ने कहा- दलित आरक्षण खत्म कर देगा ये बिल
आप सांसद संजय सिंह (Photo Credit-ANI)

आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 10 फीसदी आरक्षण देने के प्रावधान वाले संविधान संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में बहस जारी है. इस बहस में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने कहा कि इस बिल के तहत सरकार ने गरीब सवर्णों को धोखा देने का काम किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की राजधानी में बैठने वाले लोगदलित विरोध हैं और वहीं से इस बिल का दस्तावेज आया है. RSS पर निशाना साधते हुए संजय ने कहा कि नागपुर के प्रमुख यह बोल चुके हैं कि आरक्षण खत्म होना चाहिए और दलितों को आरक्षण को खत्म करने की मंशा के साथ यह बिल लाया गया है.

संजय सिंह ने कहा कि अगर ये बिल आज पास हो गया तो आने वाले दिनों में आरएसएस दलित और पिछड़ों का आरक्षण खत्‍म कर देगी. आरएसएस ने पिछले 90 साल में एक भी प्रमुख दलित नहीं बनाया है. संजय सिंह ने कहा कि इस बिल के तहत सरकार ने गरीब सवर्णों को धोखा देने का काम किया है. यह इनकी नियत है. उन्होंने सभी दलों से इस बिल को सदन से पारित नहीं होने देने की अपील की. यह भी पढ़ें- सवर्ण आरक्षण पर राज्यसभा में बहस जारी, कपिल सिब्बल ने कहा- सालाना 2.50 लाख से ज्यादा कमाने वाले टैक्स देते हैं तो 8 लाख वाले गरीब कैसे

इस बहस में कांग्रेस की सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि जब देश की जनता आपसे दूर जा रही है तब आप आखिरी सत्र के आखिरी दिन यह बिल लेकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में यह बिल टिक नहीं पाएगा क्योंकि आपके पास कई सवालों का जवाब नहीं है, आप लोगों को गुमराह कर रहे हैं. कांग्रेस सांसद ने कहा कि महिला आरक्षण के बारे में सरकार क्यों नहीं सोच रही है. वोट लेने के लिए यह बिल तो ला रही है लेकिन महिलाओं के बारे में सरकार कब सोचेगी. उन्होंने कहा कि सरकार आरक्षण को पूरी तरह खत्म करने का RSS का एजेंडा आगे बढ़ा रही है.

बाउंड्री पार नहीं आएगा छक्का: सतीश चंद्र मिश्रा

बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारी नेता बहम मायावती सदन के भीतर उच्च जातियों के गरीबों को आरक्षण का समर्थन कर चुकीं हैं. हमारी पार्टी भी आज इस बिल का समर्थन कर रही है. मिश्रा ने कहा कि अगर आप संविधान में आर्थिक आरक्षण के लिए संशोधन ला रहे हैं तो जातिगत आरक्षण के लिए भी 50 फीसदी से ऊपर आरक्षण लेकर आइये. उन्होंने कहा कि आप क्यों, कैसे और किन परिस्थितियों में बिल ला रहे हैं, इस पर तो सवाल पूछे ही जाएंगे. सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण के लिए क्या 4 साल में क्या किया है. मंत्री बताएं कि आबादी के हिसाब से पिछड़ों का आरक्षण कब से बढ़ा रहे हैं. मिश्रा ने कहा कि आपने आखिरी बॉल पर छक्का जरूर मारा है लेकिन वो बाउंड्री के पार नहीं जाना वाला है.

यह विधेयक लोकसभा में मंगलवार को पारित हुआ. लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में 323 वोट और विरोध में महज तीन वोट पड़े. लोकसभा के बिल आसानी से बहुमत के साथ पास हो गया था लेकिन राज्यसभा में इस विधयेक के पारित होने की राह आसान नहीं है. राज्यसभा में एनडीए को बहुमत नहीं है और उसे यहां विपक्ष इसके विरोध में अड़ा हुआ है.

बता दें कि संविधान संशोधन के लिए सदन के आधे से ज्यादा सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होती है. इसके अलावा विधेयक को दो तिहाई समर्थन से पास होना जरूरी होता है. राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 245 है. ऐसे में सदन में कम से कम 123 सदस्यों की मौजूदगी अनिवार्य होगी. राज्यसभा में बीजेपी की संख्या 73 और एनडीए की संख्या 89 के करीब है. ऐसे में उसे विधेयक को पारित कराने के लिए विपक्ष के सहयोग की जरूरत पड़ेगी.