Ganesh Chaturthi 2020: सीएम उद्धव ठाकरे और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने घर पर परिवार के साथ की भगवान गणेश की पूजा, देखें वीडियो और तस्वीरें

कोरोना वायरस महामारी के बीच पुरे देश में शनिवार यानि आज से गणेशोत्सव की शुरुआत हो गई है. इस बीच ANI न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार गणेशोत्सव के इस शुभअवसर पर महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पुरे परिवार के साथ अपने घर में भगवान गणेश की पूजा अर्चना की.

गणेश चतुर्थी 2020 (Photo Credits: File Image)

महाराष्ट्र: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Disease) के बीच पुरे देश में शनिवार यानि आज से गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की शुरुआत हो गई है. इस बीच ANI न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार गणेशोत्सव के इस शुभअवसर पर महाराष्ट्र (Maharashtra) के मौजूदा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने अपने पुरे परिवार के साथ अपने घर में भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा अर्चना की. सीएम उद्धव ठाकरे के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने भी गणेश चतुर्थी के मौके पर नागपुर (Nagpur) में अपने परिवार के साथ भगवान गणेश की पूजा की.

बता दें कि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के साथ ही गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) का अपने भक्तों के बीच आगमन हो गया है और यह उत्सव 2 सितंबर 2020 तक चलेगा. इस साल कोरोना वायरस प्रकोप के कारण देश में गणेश चतुर्थी की रौनक थोड़ी फीकी पड़ गई है कोविड-19 गाइडलाइन्स (COVID-19 Guidelines) का पालन करते हुए इस पर्व को मनाया जा रहा है.

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शनिवार यानि आज बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने गणपति विसर्जन के लिए जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं. बीएमसी द्वारा जारी गाइडलाइन्स के अनुसार, बीएमसी ने लोगों से घर पर गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन करने की अपील की है. इसके साथ कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में लोगों को विसर्जन प्रक्रिया के लिए तालाब या समुद्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

बीएमसी ने दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि जो भक्त अपने घरों में गणेशोत्सव मना रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे अपने घरों में एक बाल्टी या एक ड्रम में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन करें. अधिक जानकारी देते हुए नागरिक निकाय ने कहा कि एमसीजीएम के अधिकार क्षेत्र में गणेश की मूर्तियों के लिए 70 प्राकृतिक स्थल हैं और उन्हें इस साल भी उपलब्ध कराया गया है.

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हालांकि इन स्थानों के 2 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले नागरिकों/भक्तों को ही विसर्जन की अनुमति है. वहीं भक्तों को किसी भी परिस्थिति में मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए प्राकृतिक स्थानों के समुद्री जल या प्राकृतिक स्थानों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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