आर्थिक मोर्चे पर भारत की प्राथमिकता गरीब देशों पर कर्ज का दबाव कम करने के लिए दबाव बनाने की थी लेकिन उस मोर्चे पर कोई खास प्रगति नहीं हुई. मल्टीलैटरल डेवपलमेंट बैंक की बात जरूर हुई है लेकिन अभी उस पर काफी काम होना है.जी20 की शिखर बैठक ऐसे मौके पर हो रही थी, जब दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दो भागों में बंटी हुई है. ऐसे में जहां यूरोपीय देश और अमेरिका इस मौके को रूस को संदेश देने के लिए इस्तेमाल करना चाह रहे थे. वहीं भारत का सभी पक्षों को घोषणा पत्र पर राजी करने की जुगत कर रहा था.
ऐसे में आर्थिक मोर्चे पर किसी बड़े मुद्दे पर सहमति की संभावना नहीं थी. हालांकि भारत ने बहुत समझदारी से क्रिप्टोकरेंसी पर एक सहमति बना ली. लेकिन भूलना नहीं चाहिए कि क्रिप्टो के मामले में यह पूरी दुनिया का एक यूटर्न भी है. इसे इस तरह भी कह सकते हैं कि आखिरकार पूरी दुनिया को इस टेक्नोलॉजी के सामने झुकना पड़ा.
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और फाइनेंशियल स्टैबिलिटी बोर्ड ने 45 पन्नों का एक डॉक्यूमेंट जी20 में पेश किया था. इन बड़ी संस्थाओं की ओर से कहा गया था कि क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है, इसलिए इसे रेगुलेट किया जाना चाहिए. यह वही आईएमएफ है, जो कुछ साल पहले तक क्रिप्टो को दुनिया के लिए खतरा बता रहा था. जी20 के अध्यक्ष भारत के ही केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक के गवर्नर इसे पोंजी स्कीम तक करार दे चुके थे.
तो यह मुद्रा जिसे भारत और दुनिया की आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया जा रहा था, आखिर उसके बने रहने की घोषणा हो गई.
जी20: कैसा रहा आर्थिक शक्तियों के जुटने का पहला दिन
शिखर सम्मेलन की पहली बैठक वैश्विक पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित थी. भारतीय प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लाइफस्टाइल ऑफ इनहायर्नमेंट मिशन, ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी पहलकदमियों की चर्चा की. उन्होंने ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव पर काम शुरू करने के साथ साथ जी20 सैटेलाइट मिशन फॉर इनबायर्नमेंट एंड क्लाइमेट ऑब्जर्वेशन लॉन्च करने का प्रस्ताव दिया.
जी20 के नेताओं की घोषणा में अक्षय ऊर्जा की विश्वव्यापी क्षमता को तिगुना करने के प्रयासों को समर्थन देने की बात कही गई है. घोषणा में फोसिल ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल रोकने की मांग नहीं की गई है लेकिन कहा गया है, “हम जलवायु परिवर्तन सहित पर्यावरण संकटों और चुनौतियों से निबटने के लिए अपने कदमों को फौरन तेज करने का वचन देते हैं.