JEE Exam: अब एक वर्ष में चार बार होंगी जेईई की परीक्षाएं
Photo Credits: IANS

नई दिल्ली, 10 दिसंबर: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जेईई की परीक्षाएं अब एक वर्ष में चार बार आयोजित करेगा. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर छात्रों को उचित अवसर प्रदान करने के लिए मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है. शिक्षा मंत्रालय की इस पहल से अब अधिक छात्र परीक्षा देने में सक्षम हो सकेंगे. जेईई की परीक्षाओं में छात्रों के लिए पहले के मुकाबले अधिक अवसर उपलब्ध होंगे. जेईई की परीक्षा के आयोजन पर जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल (Ramesh Pokhriyal) निशंक ने कहा, "जेईई (मुख्य) परीक्षा वर्ष 2021 के पूरे वर्ष में चार बार आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है. इसकी शुरूआत फरवरी के अंत में होगी. इसके बाद मार्च, अप्रैल व मई 2021 में हर बार इसका आयोजन 3-4 दिनों के लिए किया जाएगा."

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जहां एक और जेईई परीक्षा का नया कार्यक्रम घोषित किया है, वहीं इन परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम की जानकारी भी साझा की है. शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रयास किया गया है कि जेईई परीक्षाओं के पाठ्यक्रम को लेकर छात्रों में किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति न रहे.

यह भी पढ़े: अदालत ने संक्रमण के कारण जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा नहीं देने वाले छात्रों के अनुरोध को खारिज किया

जेईई के पाठ्यक्रम से संबंधित तथ्यों पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने विस्तारपूर्वक बताया कि जेईई (मुख्य) 2021 परीक्षा का पाठ्यक्रम पिछले वर्ष के समान ही रहेगा. हालांकि, पाठ्यक्रम में कमी के प्रभाव को दूर करने के लिए जेईई (मुख्य) 2021 के लिए प्रश्नपत्रों में 90 प्रश्न (भौतिकी, रसायन और गणित में प्रत्येक से 30 प्रश्न) होंगे, जिसमें से परीक्षार्थी को 75 प्रश्नों (भौतिकी, रसायन और गणित प्रत्येक से 25 प्रश्न) का उत्तर देना होगा.

जेईई परीक्षाओं के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों द्वारा नीट परीक्षाओं और इसके पाठ्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी. देशभर में नीट परीक्षाएं मेडिकल की पढ़ाई के लिए आयोजित की जाती हैं. इन परीक्षाओं में शिक्षा मंत्रालय के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की भी अहम भूमिका है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "अगले वर्ष 2021 में नीट की परीक्षा करवाने संबंधी कोई भी निर्णय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से परामर्श के बाद ही लिया जाएगा."