नई दिल्ली, 13 अक्टूबर. दिल्ली की एक कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद दायर किए गए आपराधिक मानहानि का मुकदमा दूसरे कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, क्योंकि यह कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, सिर्फ सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई करता है. एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा ने पक्षों को बताया, "सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, केवल सांसदों और विधायकों के खिलाफ दायर मामले को रोज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध किया जा सकता है."
कोर्ट ने जिला और सत्र न्यायाधीश के समक्ष 14 अक्टूबर के लिए मामले को उचित आदेशों के लिए सूचीबद्ध किया. अकबर के वकील को मंगलवार को प्रिया रमानी के वकील की अंतिम दलीलों का खंडन करना था. यह भी पढ़ें-एमजे अकबर मानहानि मामला, महिला पत्रकार प्रिया रमानी को कोर्ट ने किया तलब
गौरतलब है कि हैशटैगमीटू आंदोलन के मद्देनजर, प्रिया रमानी ने 2018 में अकबर पर करीब 20 साल पहले यौन दुराचार का आरोप लगाया था. इसके बाद अकबर ने केंद्रीय मंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया और प्रिया रमानी के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उनका कहना था कि प्रिया के आरोप झूठे थे और इससे उनकी प्रतिष्ठा पर दाग लगा है. प्रिया रमानी अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कई महिला पत्रकारों में से एक हैं.