BJP को मध्य प्रदेश में मिले बंपर समर्थन के बाद पार्टी में बढ़ा शिवराज सिंह चौहान का कद, अमित शाह ने दी ये बड़ी जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय राजनीति में नजर आ सकते है. सूबे से लोकसभा चुनाव में जनता का बंपर समर्थन मिलने के बाद बीजेपी में शिवराज सिंह का कद काफी बढ़ गया है. बीजेपी के दिल्ली मुख्यालय पर अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में आज हुई बैठक के बाद शिवराज सिंह को पार्टी की सदस्यता अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया हैं.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सत्ता का लगातार तीन बार कमान संभाल चुके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) केंद्रीय राजनीति में नजर आ सकते है. सूबे से लोकसभा चुनाव में जनता का बंपर समर्थन मिलने के बाद बीजेपी में शिवराज सिंह का कद काफी बढ़ गया है. यहीं वजह है कि बीजेपी ने उन्हें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में शामिल करते हुए बेहद अहम जिम्मेदारी दी है.
बीजेपी के दिल्ली मुख्यालय पर अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में शुक्रवार को हुई बैठक के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पार्टी की सदस्यता अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया हैं. ऐसा माना जा रहा है कि शिवराज को बीजेपी के राष्ट्रव्यापी अभियान की जिम्मेदारी मिलना मतलब आने वाले समय में उनकी पार्टी के भीतर पद और तवज्जो और बढ़ना तय है. आने वाले समय में वह केंद्रीय राजनीति में नजर आ सकते है.
गौरतलब हो कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हार के बाद शिवराज सिंह चौहान से सत्ता छीन गई थी. जिसके बाद बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सूबे की 29 संसदीय सीटों में से बीजेपी ने अकेले 28 सीटें जीती.
गौरतलब हो कि मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी उभर कर आई थी। कांग्रेस ने बीएसपी (बहुजन समाजवादी पार्टी) के दो विधायकों, एसपी (समाजवादी पार्टी) के एक विधायक एवं चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है. बीजेपी 109 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को राज्य प्रमुखों सहित पार्टी शीर्ष नेताओं की एक बैठक हुई, जिसमें संगठनात्मक चुनावों, सदस्यता अभियान और अन्य संबंधित मुद्दों जैसे कि उनके उत्तराधिकारी को खोजने के लिए किए जाने वाले कार्यक्रम को लेकर चर्चा की गई.
बैठक में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह और वसुंधरा राजे, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, भूपेन्द्र यादव और जेपी नड्डा के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के राज्य इकाई प्रमुख भी शामिल रहे.