कोलकाता: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला (Navin Chawla) ने आगामी आम चुनावों में उपयोग की जाने वाली ईलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (Electronic voting Machine) को सही बताते हुए कहा कि ईवीएम को ना तो हैक किया जा सकता है और ना ही इनसे छेड़छाड़ की जा सकती है. उन्होंने कहा कि किसी बाहरी मशीन से ईवीएम से संपर्क नहीं किया जा सकता और ये प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में रखी जाती हैं, इसलिए इनके साथ छेड़छाड़ या इन्हें हैक करना संभव नहीं है.
चावला ने यहां अपनी किताब एव्री वोट काउंट्स : द स्टोरी ऑफ इंडियाज इलेक्शंस (Every Vote Counts: The Story of India's Elections) के लॉन्च के अवसर पर कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि ईवीएम बहुत अच्छी मशीनें हैं और इनसे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. जब हम अपने प्रवासी भारतीय नागरिकों (एनआरआईज) से मतदान कराते हैं तो वह बिना फायरवाल की एक कम्प्यूटरीकृत मशीन होती है और ऐसे में उसे हैक किया जा सकता है."
उन्होंने कहा, "लेकिन फिलहाल ईवीएम एक डेस्कटॉप कम्प्यूटर की तरह है जो सिर्फ दो या तीन काम करती है. इसलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता." उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई व्यक्ति किसी भी स्थिति में मतदान के बाद ईवीएम चिप किसी अन्य चिप से बदल सकता. कोई भी व्यक्ति किसी बाहरी मशीन का उपयोग कर उन चिप्स तक नहीं पहुंच सकता."
यह भी पढ़ें: EVM हैंकिग के दावों को चुनाव आयोग ने किया खारिज, कहा- पूरी तरह सुरक्षित हैं ईवीएम
उन्होंने कहा, "और आगामी चुनावों में प्रत्येक मशीन वीवीपैट से जुड़ी हुई होगी जो पूरे तंत्र को और ज्यादा जवाबदेह बनाता है." चावला ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को विपक्षी दलों की उस मांग के संबंध में फैसला सुनाना चाहिए कि परिणाम की घोषणा से पहले 50 फीसदी ईवीएम के परिणाम का मतदाता सत्यापन पेपर ऑडिट ट्रेल्स (वीवीपैट) से मिलान किया जाए.
अमेरिका के चुनावी तंत्र का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उनके विपरीत भारत में जवाबदेही का तंत्र है जहां चुनाव प्रक्रिया में संलिप्त प्रत्येक व्यक्ति जिम्मेदार सरकारी कर्मचारी होता है. उन्होंने कहा, "हमारे यहां प्रत्येक राज्य में एक मुख्य चुनाव अधिकारी होता है, जो सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक ईवीएम जिलाधिकारी की हिफाजत में रहे जो सभी भारतीय प्रशासनिक अधिकारी होते हैं. मशीनें वहां सीधे मतदान केंद्र जाती हैं."