बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गई सवित्री बाई फुले ने छोड़ी पार्टी, अब उठाएंगी ये बड़ा कदम

पूर्व बीजेपी नेता (Former BJP MP) और बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले (Savitri Bai Phule) बीजेपी को छोड़ कांग्रेस ( Congress) में शामिल हो गई थी. लेकिन उन्होंने कुछ महीनों के भीतर ही अब कांग्रेस से रिजाइन दे दिया. सावित्री बाई फुले ने कहा है कि अब वो अपनी नई पार्टी बनाएंगी. कांग्रेस छोड़ने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा है कि पार्टी के अंदर उनकी आवाज नहीं सुनी गई. सावित्री बाई फुले ने अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में पार्टी की पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. पिछले साल दिसंबर में उन्होंने भाजपा पर अपनी उपेक्षा करने और समाज में बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उससे पहले बीजेपी में रहते हुए उन्होंने अपनी पार्टी पर लगातार हमला किया था.

सावित्री बाई फुले ( फोटो क्रेडिट- ANI)

बहराइच:- पूर्व बीजेपी नेता (Former BJP MP) और बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले (Savitri Bai Phule) बीजेपी को छोड़ कांग्रेस ( Congress) में शामिल हो गई थी. लेकिन उन्होंने कुछ महीनों के भीतर ही अब कांग्रेस से रिजाइन दे दिया. सावित्री बाई फुले ने कहा है कि अब वो अपनी नई पार्टी बनाएंगी. कांग्रेस छोड़ने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा है कि पार्टी के अंदर उनकी आवाज नहीं सुनी गई. सावित्री बाई फुले ने अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में पार्टी की पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. पिछले साल दिसंबर में उन्होंने भाजपा पर अपनी उपेक्षा करने और समाज में बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उससे पहले बीजेपी में रहते हुए उन्होंने अपनी पार्टी पर लगातार हमला किया था.

बता दें कि बीते साल दिसंबर में फुले ने बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. फुले ने यह भी आरोप लगाया था कि दलित सांसद होने की वजह से उनकी कभी बात नहीं सुनी गई और हमेशा उपेक्षा की गई. वह 2014 में सांसद चुनी गई थीं. इससे पहले उन्होंने 2012 में बहराइच के बेल्हा से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा का भी चुनाव लड़ा था. यह भी पढ़ें:- नागरिकता संशोधन कानून: प्रियंका गांधी वाड्रा कर सकती हैं शांतिपूर्वक विरोध करने वालों की हौसला-अफजाई.

बीजेपी में रहते हुए भी सावित्री बाई फुले लगातार पार्टी की आलोचना कर रही थीं. उन्होंने कई बार बीजेपी पर दलितों को आगे नहीं बढ़ने देने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी को आरक्षण के खिलाफ भी बताया था. उनका आरोप था कि देश के कई हिस्सों में लगातार भीमराव आंबेडकर की प्रतिमाएं तोड़ी गईं लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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