Inflation In India: भारत में कम है महंगाई दर, देश के मंदी में जाने की आशंका नहीं: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली, 1 अगस्त: महंगाई (Inflation) पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि कोविड महामारी, कोविड की दूसरी-तीसरी लहर, रूस-यूक्रेन लड़ाई और सप्लाई चैन बाधित होने के बावजूद भारत में महंगाई की दर दुनिया के कई देशों के मुकाबले, यहां तक कि यूपीए सरकार के मुकाबले भी काफी कम है. विरोधी सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए हुए वित्त मंत्री ने कहा कि तमाम संकटों के बावजूद भारत दुनिया की फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी है और भारत के मंदी में फंसने की आशंका नहीं है. Congress MPs Walk Out: संसद में महंगाई पर चर्चा, निर्मला सीतारमण के भाषण के दौरान कांग्रेस ने किया वॉकआउट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के दौरान कई बार उनकी बहस कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, डीएमके सांसद कनिमोझी, तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय और सुदीप बंदोपाध्याय के साथ हुई. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने निर्मला सीतारमण की तीखी आलोचना करते यहां तक कह दिया कि, यू डोंट नो हाऊ टू टॉक. निर्मला सीतारमण के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस , डीएमके , एनसीपी सहित अन्य कई विपक्षी दलों ने वॉकआउट कर दिया.

निर्मला सीतारमण ने विपक्षी दलों के आरोपों को खारिज करते हुए अपने जवाब के दौरान कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 22 महीने तक मुद्रास्फीति की दर 9 प्रतिशत से ज्यादा थी और यह 9 बार डबल डिजिट यानी 10 प्रतिशत से भी ज्यादा पहुंच गई थी जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में बेहतर नीति के कारण महंगाई की यह दर 7 प्रतिशत या उससे कम ही रही है. उन्होंने दावा किया कि सरकार लगातार इसे कम करने का प्रयास कर रही है.

विपक्षी दलों की आशंका को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां और आर्थिक मामलों के जानकार भी यह मान रहे है कि भारत की स्थिति बहुत अच्छी है और हमारे देश का मुद्रास्फीति जनित मंदी की तरफ बढ़ने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता है.

उन्होंने पड़ोसी देश चीन, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ ही अमेरिका एवं यूरोपीय देशों के साथ भारत की तुलना करते हुए विभिन्न पैरामीटर और आंकड़ों के आधार पर यह दावा किया कि भारत आज वैश्विक स्तर पर इन देशों की तुलना में काफी अच्छी हालत में है.

खाद्य पदार्थों पर लगाए गए जीएसटी को लेकर आलोचना झेल रही वित्त मंत्री ने यह साफ किया कि पेंसिल पर कोई जीएसटी नहीं लगाई गई है. उन्होंने कहा कि लूज आइटम्स पर कोई जीएसटी नहीं लगाई गई है सिर्फ ब्रांडेड पैक्ड आइटम्स पर जीएसटी लगाया गया है और इसका गरीबों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

उन्होंने जीएसटी कॉउन्सिल में लिए गए फैसले के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराने की कोशिशों की निंदा करते हुए कहा कि जीएसटी कॉउन्सिल में कई स्तरों पर चर्चा करके सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया जिसमें विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के मंत्री भी शामिल थे. उन्होंने अंदर समर्थन और बाहर विरोध करने की राजनीति की भी आलोचना की.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार ने ऑयल बॉन्ड के सहारे पेट्रोल डीजल की कीमतों को कम रख कर श्रेय लूटने का काम किया था लेकिन उस कर्ज के मूलधन और ब्याज का भुगतान मोदी सरकार को करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि ऑयल बॉन्ड लाना सैद्धांतिक तौर पर ही एक गलत फैसला था. उन्होंने कई राज्य सरकारों द्वारा मुफ्त की रेवड़ियां बांटने की भी जमकर आलोचना की.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि जनता से टैक्स के रूप में लिया जा रहा पैसा जनकल्याण और देश के विकास के लिए ही खर्च किया जा रहा है.

उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों की तरफ से पेट्रोल डीजल पर टैक्स कम नहीं करने की आलोचना करते हुए कहा कि इन राजनीतिक दलों द्वारा महंगाई को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करना इनके दोहरे रवैये को दिखाता है और यह मगरमच्छ के आंसू के समान है.