Farmers Protest: बैठक के बाद किसान नेताओं का बड़ा ऐलान, कल दिल्ली-जयपुर रोड़ करेंगे जाम, पहले से और तेज होगा आंदोलन

किसान नेता कल से दिल्ली-जयपुर रोड जाम करेंगे

किसान नेता बलबीर एस राजेवाल (Photo Credits ANI)

Farmers Protest: मोदी सरकार (Modi Govt) द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी हैं. उनकी मांगे नहीं माने जाने से नाराज किसानों का आंदोलन शनिवार से और उग्र होने जा रहा है. किसान नेताओं में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलबीर एस राजेवाल (Balbir S Rajewal) ने कहा कि कल यानी शनिवार को दिल्ली-जयपुर रोड जाम किया जाएगा.  वहीं उन्होंने कहा कि 14 दिसंबर से जिला कार्यालयों के सामने, बीजेपी नेताओं के घरों और रिलायंस/ अडानी टोल प्लाजा पर किसान धरना देंगे. फिलहाल ट्रेन नहीं रोका जाएगा.

इस बीच कृषि कानूनों का मसला अब देश की सबसे सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  पहुंच गया है. भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट की ओर से इन कानूनों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है. किसान यूनियन ने कानूनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप आवेदन दिया है. यह याचिका किसान यूनियन (Farmer Union)  के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह (Bhanu Pratap Singh) की ओर से दायर की गई है. यह याचिका द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा की ओर से पहले से ही दायर याचिका पर हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए दायर की गई है. यह भी पढ़े: Farmers Protest: किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का बड़ा दावा, कहा-केंद्र द्वारा लाए गए कृषि सुधार कानूनों के बाद देश में धान की रिकॉर्ड खरीद हुई है

याचिका में केंद्र सरकार की ओर से तीन नए कृषि कानूनों- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक, 2020 को रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में यह भी कहा गया, "ये अधिनियम 'अवैध और मनमाने' हैं. इनसे कृषि उत्पादन के गुटबंदी और व्यावसायीकरण के लिए मार्ग प्रशस्त होगा."याचिका में कहा गया है कि कृषि कानून के मसले पर पुरानी याचिकाओं को सुना जाए. इसमें कहा गया है कि नए कानून देश के कृषि क्षेत्र को निजीकरण की ओर धकेलेंगे.

 

 

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