EVM से VVPAT पर्ची मिलान की संख्या बढ़ाने के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा विपक्ष, आदेश की समीक्षा की मांग
कोर्ट ने अपने आदेश में चुनाव आयोग को मौजूदा आम चुनावों में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में औचक रूप से पांच मतदान केंद्रों की ईवीएम का वीवीपैट से मिलान का आदेश दिया था.
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी नेताओं ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख कर आठ अप्रैल के उसके आदेश पर पुनर्विचार की मांग की है. कोर्ट ने अपने आदेश में चुनाव आयोग (Election Commission) को मौजूदा आम चुनावों में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में औचक रूप से पांच मतदान केंद्रों की ईवीएम (EVM) का वीवीपैट (VVPAT) से मिलान का आदेश दिया था. नायडू ने पूर्व में 50 प्रतिशत ईवीएम का औचक रूप से वीवीपैट के साथ मिलान की मांग की थी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा की मांग करते हुए कहा कि एक से संख्या बढ़ाकर पांच किया जाना तर्कसंगत संख्या नहीं है और यह इस अदालत द्वारा जाहिर अपेक्षा की पूर्ति नहीं करती.
मतदान के तीन चरण संपन्न होने के बाद दाखिल की गई याचिका में कहा गया, ‘याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आदेश के तहत पूर्वकथित दो प्रतिशत की बढोतरी काफी नहीं है और इससे बहुत ज्यादा अंतर नहीं आने वाला.’ सुप्रीम कोर्ट की पूर्व की टिप्पणी का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया कि ईवीएम के साथ वीवीपैट के औचक मिलान में दो प्रतिशत इजाफे से चुनावी प्रक्रिया की प्रमाणिकता को लेकर लोगों का विश्वास बढाने का उद्देश्य हासिल नहीं होने वाला.
शीर्ष अदालत ने आठ अप्रैल को चुनाव आयोग को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रति विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से मौजूदा एक की जगह पांच मतदान केंद्रों की ईवीएम को वीवीपैट से मिलान का निर्देश दिया था. कोर्ट ने पूर्व के आदेश में कहा था कि संख्या बढ़ाने से राजनीतिक दलों में ही नहीं बल्कि मतदाताओं के बीच भी संतोष बढ़ेगा. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: EVM में छेड़छाड़ के खिलाफ विपक्ष एकजुट, चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के मतदान के बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर बैठक की थी और कहा था कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. विपक्षी दलों की इस बैठक में चंद्रबाबू नायडू, अभिषेक सिंघवी के अलावा कपिल सिब्बल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई नेता शामिल हुए थे.
भाषा इनपुट